Video : Elephant सामने देख मणिकूट परिक्रमा कर रहे पदयात्रियों की बढ़ी धड़कन, जानिए क्या बोले

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यदि आप पैदल यात्रा पर हों और सामने हाथी (elephant) आ जाए तो? जी हां ऋषिकेश से मणिकूट परिक्रमा पर निकले पदयात्रियों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ।

यह दल प्रातः काल मणिकूट पर्वत (manikoot parvat) परिक्रमा पद यात्रा पर निकला था। दल ने ऋषिकेश (rishikesh) स्थित वीरभद्र (virbhadra) द्वार से अपनी यात्रा प्रारंभ की।

वे यात्रा के दूसरे द्वार गणेश द्वार (कुंभी चौड़) पर पहुंचकर गणेश जी की पूजा में लगे ही थे कि इसी बीच वहां हाथी (elephant) आ गया।

 

हाथी को देख पदयात्रियों की धड़कन बढ़ गई किंतु गजराज बगैर किसी को नुक्सान पहुंचाए आगे बढ़ गए। इसके पश्चात पदयात्री दल ने अपनी यात्रा पूरी की।

दल सदस्यों के अनुसार पूजा के समय गजराज के दर्शन से उनकी यात्रा धन्य हो गई। आपको बता दें कि पूरी यात्रा के दौरान उन्हें तीन बार और गजराज जी के दर्शन हुए।

और अच्छी बात यह कि सभी जगहों पर वह बिना किसी को परेशान किए  आगे बढ़ गए। एक जगह तो हाथियों का पांच सदस्यीय दल की  ओर चला आ रहा था।

लेकिन उन तक पहुंचने से पहले ही सभी हाथी रुक गए। पदयात्रियों ने मन ही मन गणेश भगवान का शुक्रिया अदा किया।

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पदयात्रियों के अनुसार संकल्प की राह पर चलती यह मणिपुर पर्वत परिक्रमा पैदल यात्रा अत्यंत अविस्मरणीय एवं अद्भुत रही।

सभी पदयात्रियों ने इसके लिए हम अपने सभी कुलदेवी देवताओं, क्षेत्र देवी-देवताओं एवं शिव शंकर भोलेनाथ का हृदय से धन्यवाद किया।

आपको बता दें कि यह मणिकूट पर्वत परिक्रमा यात्रा वृहद काल से चली आ रही है। पुराणों में भी इस यात्रा का महात्म्य वर्णित किया गया है।

आज भी पैदल परिक्रमा कर पदयात्री अपने संकल्प करते हैं। यात्रा के दौरान उन्हें सप्त द्वार पूजने होते हैं।

बहुत से श्रद्धालु वाहन से भी परिक्रमा पूरी करते हैं, लेकिन क्षेत्रवासियों में अपने पूर्व वर्तियों की भांति जंगल मार्ग से होकर जंगली जीवों के भय के बीच पैदल परिक्रमा यात्रा के लिए असीम उत्साह देखने को मिलता है।

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