हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें, किंतु इन कुछ नियमों का भी ध्यान रखें….

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मंगलवार का दिन प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमानजी (Hanuman) की आराधना का दिन है। इस दिन हनुमान मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।

कहते हैं कि हनुमानजी (Hanuman) का स्मरण करने से नकारात्मक शक्तियां (negative powers) पास नहीं फटकतीं।

सुबह सवेरे श्रीहनुमान चालीसा (Hanuman chalisa) का पाठ करना अच्छा माना जाता है। विशेषकर मंगलवार (Tuesday) के दिन श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करने वाले भक्तों पर हनुमान जी कृपा करते हैं।

यूं तो मंगलवार को श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करने वालों की कमी नहीं, लेकिन ऐसे कुछ नियम हैं, जिनका श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करते हुए पालन करना चाहिए। ये नियम इस प्रकार से हैं-

-मंगलवार के दिन सर्वप्रथम सूर्योदय से पूर्व बिस्तर त्याग दें।

-इसके पश्चात स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
-पूजा स्थान पर भगवान हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें।
-सबसे पहले भगवान श्रीगणेश (lord Shri ganesha) की आराधना करें।

-इसके बाद प्रभु श्रीराम (lord Shri ram) और मां जानकी (maa sita) का ध्यान करें।
-इसके पश्चात बाद हनुमान जी को प्रणाम करके श्रीहनुमान चालीसा पाठ का संकल्प लें।
-हनुमान जी को फूल अर्पित करें और उनके समक्ष धूप, दीप जलाएं।
-कुश से बना आसन बिछाएं और उसपर बैठकर श्रीहनुमान चालीसा का पाठ आरंभ करें।
-श्री हनुमान चालीसा का पाठ पूर्ण हो जाने के बाद प्रभु श्रीराम का स्मरण और कीर्तन करें।

-हनुमान जी को प्रसाद के रूप में अपनी श्रद्धा एवं क्षमता के अनुसार चूरमा, लड्डू या अन्य मौसमी फल आदि अर्पित कर सकते हैं।

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पंडित जगदीश पांडे बताते हैं कि यदि श्रीहनुमान चालीसा का पाठ नियम के साथ किया जाए तो यह विशेष फलदाई होता है।

उनके अनुसार प्रभु श्रीहनुमान की कृपा जिन भक्तों पर होती है, उन पर फिर कोई नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव नहीं जमा पाती।

भगवान गणेश का स्मरण किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले किया जाता है। ऐसे में श्रीहनुमान चालीसा पाठ से पूर्व भी उनकी आराधना का विधान है।

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