होलाष्टक शुरू, इन दिनों कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए, ध्यान पर जोर दें

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होलाष्टक (holashtak) का आरंभ 21 मार्च, 2021 से हो रहा है। यह होलिका दहन के बाद 29 मार्च को खत्म होगा। कहते हैं कि इन दिनों में कोई शुभ कर्म नहीं होता।

जानकारों के अनुसार होलाष्टक (holashtak) के समय सभी ग्रह अशुभ स्थिति में रहते हैं। यही वजह है कि इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते।

इस संबंध में धार्मिक मान्यता के बारे में जान लेते हैं। कहा जाता है कि असुरों के राजा हिरण्यकश्यप (hiranyakashyap) ने फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से ही प्रहलाद को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था।

आठ दिन तक यही क्रम चला।  फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका (holika) के साथ प्रहलाद (prahlad) को अग्नि पर बैठा दिया।

होली से पहले आठ दिनों तक भक्त प्रहलाद ने प्रताड़ना झेली थी, इसी वजह से होलाष्टक में शुभ काम करने के लिए मना किया जाता है।

इसके अलावा यह ऋतु परिवर्तन का समय भी होता है। इन दिनों में स्वास्थ्य संबंधी सावधानी बरतनी होती है, वरना मौसमी बीमारियां शिकार बना सकती हैं।

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ग्रहों की स्थिति ठीक न होने से कई लोगों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। उनके स्वभाव में क्रोध देखने को मिलता है।

अब आपको बताते हैं कि आप होलाष्टक के दिनों में क्या करें-

1-अपने इष्टदेव के मंत्र या उनके नामों का जाप करें। पूजा-पाठ करें। 2-बिस्तर से रोज सुबह जल्दी उठें और कुछ देर ध्यान करें। ऐसा करने से मन में आने वाले नकारात्मक विचार खत्म होते हैं, सकारात्मकता बढ़ती है।

3-अपनी सोच को positive यानी सकारात्मक बनाए रखें।

4-किसी गौशाला में गाय को घास खिलाएं और दान-पुण्य करें।

5-जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करें।

6-सभी के प्रति दया का भाव रखें।

जानकार बताते हैं कि इन दिनों जो अशांति व्यक्ति महसूस करता है, यदि वह धार्मिक कार्यों में ध्यान लगाएगा तो इस अशांति से सहज ही मुक्ति पा सकता है।

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