इंदिरा हृदयेश नहीं रहीं, एनडी तिवारी सरकार में पुकारी जाती थीं सुपर सीएम

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उत्तराखंड कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री इंदिरा (indira) hridyesh नहीं रहीं। रविवार को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली में अंतिम सांस ली।

7 अप्रैल,  1941 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जन्मीं 80 वर्षीय इंदिरा हृदयेश की 13 जून, 2021 की सुबह उत्तराखंड सदन में तबियत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था।

इंदिरा (Indira) हृदयेश उत्तराखंड की सियासत का बड़ा नाम थीं। इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश से सियासत का सफर शुरू किया था।

सन् 1974 में वे पहली बार उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में चुनी गईं। इसके बाद 1986, 1992 और 1998 में इंदिरा हृदयेश लगातार इसके लिए चुनी जाती रहीं।

साल 2000 में उत्तराखंड का गठन हुआ। इंदिरा (Indira) हृदयेश अंतरिम उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनीं।

उत्तराखंड में जब 2002 में पहले विधानसभा चुनाव हुए तो इंदिरा हृदयेश हल्द्वानी से चुनाव जीतीं। एनडी तिवारी मुख्यमंत्री बने और उन्हें संसदीय कार्य , लोक निर्माण विभाग समेत कई महत्वपूर्ण विभाग मिले।

यहीं वह दौर था, जब सरकार में इंदिरा हृदयेश का बोलबाला था। आलम यह था कि उन्हें सुपर सीएम पुकारा जाता था।

सन् 201 के विधानसभा चुनाव में वे एक बार फिर जीतीं। विजय बहुगुणा तथा हरीश रावत सरकार में वित्त मंत्री के साथ ही संसदीय कार्य मंत्री का भी अहम पद उन्होंने संभाला। वे 2017 के विधानसभा  चुनाव में भी विजयी रहीं।

कांग्रेस (Congress) विपक्ष में रही तो इंदिरा हृदयेश (Indira hridyesh) नेता प्रतिपक्ष रहीं। ‌ मजबूत इरादों की महिला होने की वजह से उन्हें उत्तराखंड की आयरन लेडी (iron lady) भी कहा गया।

इंदिरा हृदयेश के निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत आदि ने शोक जताया है।

Indira हृदयेश के निधन पर उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी दुख जताया।
Indira हृदयेश के निधन पर उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी दुख जताया।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने Twitter handle http://@TIRATHSRAWAT

के जरिए कहा, ‘मेरी बड़ी बहन जैसी आदरणीया श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी के निधन का दुखद समाचार मिला’।

उन्होंने उनके परिवार के प्रति संवेदना जताई। इसके साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं का भी इंदिरा हृदयेश के निधन पर दुख जताने का सिलसिला जारी है।

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आपको बता दें कि इंदिरा हृदयेश ने हिंदी और राजनीति विज्ञान में एमए किया था। उन्होंने बीएड और पीएचडी की डिग्री भी हासिल की थी।

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