भारतवंशी रश्मि सामंत बनीं आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की छात्र संघ अध्यक्ष

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भारतवंशी रश्मि सामंत (Rashmi samant) ब्रिटेन की विश्‍व विख्‍यात ऑक्‍सफॉर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University ) की छात्र संघ अध्‍यक्ष बन गई हैं।

आपको बता दें कि रश्मि सामंत (Rashmi samant) इस पद पर काबिज होने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

वह मूल रूप से भारत के कर्नाटक (Karnataka) में मनिपाल (manipal) से है। उन्‍हें यहां हुए चुनाव (election) में अपने अन्‍य तीनों प्रतिद्वंदियों से अधिक वोट हासिल हुए।

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उन्होंने कुल 3708 वोट में से 1966 वोट हासिल किए। आपको बता दें कि ऑक्‍सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के इस चुनाव में रिकॉर्ड वोटिंग (record voting) हुई।

इस दौरान 4881 छात्रों ने विभिन्‍न पदों के लिए 36405 वोट डाले थे। अपने चुनावी कैंपेन (election campaign) के दौरान रश्मि ने अपनी चार प्राथमिकताओं को छात्रों के सामने रखा था।

इसमें से तीन प्रकार थीं- यूनिवर्सिटी में उपनिवेशवाद से मुक्ति तथा समावेशिता, वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम और छात्रों की मेंटल हेल्‍थ पर ध्‍यान देना।

Rashmi samant इसी आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष बनी हैं।
Rashmi samant इसी आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष बनी हैं।

आपको बता दें कि रश्मि ऑक्‍सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के लिनाक्रे कॉलेज में एमएससी एनर्जी सि‍स्‍टम (energy system) की छात्रा (student) हैं।

उन्‍होंने अपनी स्‍कूल की पढ़ाई मनिपाल और उडूपी (udupi) से की है। उनके पिता दिनेश (Dinesh) एक बिजनेसमैन हैं और मां वत्सला गृहणी।

उनके पिता का व्‍यवसाय उडूपी से कुछ दूरी पर है। रश्मि ने मनिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग (mechanical engineering) में डिग्री हासिल की थी।‌

इसके बाद उन्होंने ऑक्‍सफॉर्ड का रुख किया था। एमआईटी (MIT) में भी वो छात्र यूनियन की टेक्निकल सैक्रेटरी रही थीं।

रश्मि ने एमआईटी में मनिपाल हैकथॉन की शुरुआत की थी। बतौर यूनिवर्सिटी की अध्‍यक्ष वो चाहती हैं कि वहां पर छात्रों की मैंटल हैल्‍‍थ के लिए अधिक से अधिक फंडिंग हो सके। साथ ही वो यूनिवर्सिटी में जीवाश्‍म ईंधन को बढ़ावा देना चाहती हैं। रश्मि ने अपनी चुनाव कैंपेन में होमोफोबिया और ट्रांसफोबिया से लड़ने की बात कही थी।

इसके साथ ही‍ उन्होंने लोगों के बीच LGBT समुदाय को लेकर  मानसिकता बदलने की भी जरूरत बताई है।

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