रुद्रनाथ मंदिर के कपाट 17 मई को खुलेंगे, चतुर्थ केदार हैं भगवान रुद्रनाथ

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देश के लाखों शिव भक्तों के लिए अच्छी खबर। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित भगवान रुद्रनाथ मंदिर (rudranath temple) के कपाट आने वाली 17 मई को खुलेंगे।

आपको बता दें कि भगवान शिव (lord Shiva) को समर्पित रुद्रनाथ मंदिर को उत्तराखंड में स्थित पंचकेदार में से एक माना जाता है। इन्हें चतुर्थ केदार कहा जाता है।

गोपीनाथ मंदिर समिति (gopinath temple committee) के संरक्षक अनुसूया प्रसाद भट्ट और रुद्रनाथ मंदिर (rudranath temple) के पुजारी पंडित धर्मेंद्र तिवारी के अनुसार 14 मई को भगवान रुद्रनाथ के चल विग्रह मंदिर के गर्भगृह से बाहर लाए जाएंगे।

इन्हें विधि विधान के साथ गोपीनाथ मंदिर परिसर में भक्तों के दर्शनार्थ रखा जाएगा। यहां भक्तजन दो दिन तक इनका दर्शन कर सकेंगे। पूजा-अर्चना कर सकेंगे।

इसके बाद आगामी 16 मई को भगवान रुद्रनाथ (lord rudranath) की डोली पारंपरिक विधि विधान के साथ गोपीनाथ मंदिर गद्दी स्थल से अपने स्थान रुद्रनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करेेगी।

आपको बता दें कि शीतकाल के लिए रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बंद हो जाने के पश्चात भगवान की डोली को शीतकालीन प्रवास के लिए गोपीनाथ मंदिर लाया जाता है।

आपको बता दें कि भगवान रुद्रनाथ मंदिर समुद्रतल (sea level)  से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शंकर के एकानन यानि मुख की पूजा की जाती है, जबकि संपूर्ण शरीर की पूजा नेपाल की राजधानी काठमांडू (Kathmandu) के पशुपतिनाथ (pashupatinath) में की जाती है।

रुद्रनाथ मंदिर चमोली (chamoli) जिले में गोपेश्वर-केदारनाथ रोड (gopeshwar-kedarnath road) पर पड़ता है।

मंदिर के सामने से दिखाई देती नंदा देवी और त्रिशूल की हिमाच्छादित चोटियां यहां का आकर्षण बढाती हैं।

Rudranath temple के लिए सगर गांव से खूबसूरत ट्रेक शुरू होता है।
Rudranath temple के लिए सगर गांव से खूबसूरत ट्रेक शुरू होता है।

रुद्रनाथ ट्रेक (trek) भी बहुत मशहूर है। और देश के कई हिस्सों से ट्रेकर्स (trekkers) यहां ट्रैकिंग (trekking) करने के लिए पहुंचते हैं।

यह एक खूबसूरत ट्रेक है, जिसके नजारे यहां आने वालों को बहुत भाते हैं। लेकिन इसे एक मुश्किल ट्रेक माना जाता है। यह सगर गांव, हेलंग या उर्गम गांव से शुरू होता है।

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बहुत सारे ट्रेकर्स ग्रुप बनाकर ट्रेकिंग के लिए जाते हैं। यह स्थानीय युवाओं के लिए भी रोजगार का एक अच्छा जरिया साबित हो रहा है।

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