उज्जैन : भगवान महाकाल मंदिर में आरती एक नवंबर से बदले हुए समय पर

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उज्जैन (Ujjain) के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में एक नवंबर से राजाधिराज महाकाल की आरती बदले हुए समय पर होगी। सुबह 4 बजे से 6 बजे तक भस्म आरती होगी। सुबह 7.30 बजे से 8.15 बजे तक द्दयोदक तथा सुबह 10.30 बजे से भोग आरती होगी।

इसके पश्चात शाम 5 बजे संध्या पूजन होगा। शाम 6.30 बजे से शाम 7 बजे तक संध्या आरती होगी। इसके बाद रात्रि 10.30 बजे से रात्रि 11 बजे तक शयन आरती होगी। तत्पश्चात मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।

मंदिर की परंपरा के अनुसार शीत काल को देखते हुए यह फैसला किया गया है। दरअसल, कार्तिक मास से सर्दी की शुरुआत मानी जाती है। कार्तिक प्रतिपदा से फाल्गुन पूर्णिमा तक नए समय पर आरती होती रहेगी।

आपको बता दें कि इन दिनों महाकाल मंदिर में द्दयोदक आरती सुबह 7 बजे से 7.45 बजे तक, भोग आरती सुबह 10 बजे से तथा संध्या आरती शाम 7 बजे से 7.30 बजे तक संपन्न की जा रही है।

महाकाल मंदिर में इन दिनों एडवांस बुकिंग के आधार पर भक्तों को भगवान महाकाल के दर्शन कराए जा रहे हैं।

भक्त महाकालेश्वर एप के साथ ही मंदिर की वेबसाइट पर नि:शुल्क एडवांस बुकिंग कराकर भगवान महाकाल के दर्शन किए जा सकते हैं।

इन दिनों कोरोना संक्रमण के चलते भक्तों का गर्भगृह में प्रवेश बंद है। भक्तों के हार, फूल, पूजन सामग्री अर्पित करने तथा जलाभिषेक पर प्रशासन की ओर से रोक लगाई गई है।

आपको बता दें कि कार्तिक मास में शिप्रा स्नान और दीपदान का विशेष महत्व है।

महिलाएं कार्तिक प्रतिपदा से पूर्णिमा तक एक माह सुबह 5 बजे शिप्रा स्नान करने जाती हैं। इसके बाद राधा दामोदर का पूजन किया जाता है।

संध्या काल में शिप्रा में दीप दान भी किया जाता है। उज्जैन (Ujjain) के इस महाकाल मंदिर में आरती, पूजन के लिए देश भर से श्रद्धालुओं का आवागमन होता है। हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से महाकाल आने वाले भक्तों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

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