उपहार अग्निकांड के 24 बरस, जब आग ने लील ली 59 लोगों की जिंदगी

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उपहार (uphaar) सिनेमा हाल अग्निकांड! 24 बरस बीत गए। 13 जून, 1997 को बार्डर मूवी के शो के दौरान इसमें लगी आग में 59 जिंदगी खत्म हो गई थी।

इस हादसे में करीब सौ लोग घायल हो गए थे। आज भी लोग नई दिल्ली में ग्रीन पार्क के आसपास से गुजरते हैं तो इस हादसे की याद ताजा हो जाती है।

इस हादसे में नीलम ने अपनी 17 साल की बेटी उन्नति और 13 साल के बेटे उज्जवल को खोया था। वहीं, केएस राही ने अपने 22 साल के बेटे सुदीप राही को।

सुदीप दोस्तों के साथ अपना जन्मदिन मनाने के लिए बार्डर का शो देखने उपहार (uphaar) गया था, लेकिन उसके बाद कभी नहीं लौटा।

बताया जाता है कि शो के दौरान सिनेमा हॉल के ट्रांसफॉर्मर रूम में आग लग गई, जो तेजी से दूसरे हिस्सों में भी फैल गई।

Uphaar सिनेमा हॉल का भीतरी हिस्सा अग्निकांड के बाद।
Uphaar सिनेमा हॉल का भीतरी हिस्सा अग्निकांड के बाद।

आग की वजह से 59 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। घटना की जांच के दौरान  सिनेमाघर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने की बात सामने आई थी।

13 जून,  1997 के दिन उपहार सिनेमा में हुए इस अग्निकांड के बाद जो कुछ हुआ, उसे ऐसे समझ सकते हैं-

22 जुलाई 1997- पुलिस ने उपहार सिनेमा के मालिक सुशील अंसल और उसके बेटे प्रणव अंसल (pranav ansal) को मुंबई से गिरफ्तार किया।

24 जुलाई 1997- मामले की जांच दिल्ली पुलिस से हटाकर सीबीआई (CBI) के हवाले की गई।

15 नवंबर 1997- सीबीआई ने सुशील अंसल और गोपाल अंसल सहित 16 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट (chargesheet) दायर की।

27 फरवरी 2001- कोर्ट ने सभी आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या, लापरवाही व अन्य मामलों के तहत आरोप तय किए।

24 अप्रैल 2003- हाईकोर्ट ने पीड़ितों के परिवार वालों को 18 करोड़ रुपये का मुआवजा दिए जाने का आदेश जारी किया।

20 नवंबर 2007- कोर्ट ने सुशील और गोपाल अंसल सहित 12 आरोपियों को दोषी करार दिया। सभी को दो साल कैद की सजा सुनाई गई।

4 जनवरी 2008- अंसल बंधुओं और दो अन्य को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई।

11 सितंबर 2008- सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं की जमानत रद कर उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया।

19 दिसंबर 2008- हाईकोर्ट ने अंसल बंधुओं की सजा को दो साल से घटाकर एक साल कर दिया और छह अन्य आरोपियों की सजा को बरकरार रखा।

30 जनवरी 2009- उपहार सिनेमा हॉल अग्निकांड पीड़ितों के संगठन ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं को नोटिस जारी किया।

17 अप्रैल 2013- सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं, उपहार अग्निकांड पीड़ितों और सीबीआई की याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया.

5 मार्च 2014- सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं की सजा को बरकरार रखा।

19 अगस्त 2014- सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं पर 30-30 लाख का जुर्माना लगाकर उन्हें रिहा कर दिया।

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17 दिसंबर, 2018- मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए गए।

दिसंबर 2018- दिल्ली हाईकोर्ट ने उपहार (uphaar) सिनेमा अग्निकांड में सजा पाने वाले उसके मालिक सुशील अंसल (sushil ansal) का पासपोर्ट जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।

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