सोमेश ने साइकिल पर तय किया सीमांत गांव माणा से कन्याकुमारी तक का मुश्किल सफर

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उत्तराखंड के सीमांत गांव माणा से कन्याकुमारी तक का सफर कोई हंसी खेल नहीं और वह भी साइकिल से। लेकिन सोमेश पंवार (somesh panwar) ने इसे पूरा कर दिखाया है।

इस नौजवान ने 4300 किलोमीटर की दूरी 46 दिन में पूरी की। इस सफर के दौरान वह 10 राज्यों से होकर गुजरे।

माणा (mana) गांव से कन्याकुमारी (kanyakumari) तक साइकिल यात्रा करने का उनका मकसद लोगों को पॉल्यूशन फ्री इंडिया (pollution free india) के प्रति लोगों को जागरूक करना था।

बकौल सोमेश हमारे आसपास की हवा अब पहले जैसी शुद्ध नहीं रही। हमारे आस-पास हवा के अंदर काफी अशुद्धता आ चुकी है और यह धीरे-धीरे और दूषित होती जा रही है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए तो घातक है ही, प्रकृति के लिए भी बेहद नुकसानदायक है।

हालांकि कई लोग अब पर्यावरण प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याओं को लेकर अपनी आवाज उठा रहे हैं।  लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं।

ऐसा ही जागरूकता भरा कदम उठाने की उन्होंने भी सोची।  चमोली जिले के रहने वाले सोमेश पंवार (somesh panwar) ने साइकिल यात्रा के दौरान पोलूशन फ्री इंडिया के साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव और हरित हिमालय, स्वच्छ हिमालय का संदेश भी अपनी साइकिल यात्रा के दौरान लोगों को दिया।

 

सोमेश उर्फ सोमू को अपनी यात्रा के दौरान जगह-जगह लोगों का बहुत सहयोग मिला। इनमें ढेरों ऐसे लोग भी थे, जो उत्तराखंड से जाकर दूर प्रदेशों में बसे हैं। उन्होंने सोमेश का परंपरागत रूप से पूजा के थाल के साथ तिलक लगाकर और माला पहनाकर स्वागत किया।

हालांकि इसी बीच महाराष्ट्र में सोमेश एक ट्रक से निकले सरिया की चपेट में आने से बाल-बाल बचे। उनका हेलमेट बीच में से टूट गया, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारा।

इस बीच उन्हें कई तरह के दिव्य अनुभव भी हुए। ट्रेकिंग से जुड़े सोमेश पंवार अपनी यात्रा पूरी होने का श्रेय भगवान बद्री विशाल के साथी ही उत्तराखंड के लोगों को खासतौर पर देते हैं। वह बद्रीनाथ के धर्माधिकारी भुवन उनियाल का विशेष तौर पर आभार जताते हैं।

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