Ghazipur border पर वेस्ट यूपी, हरियाणा के गांव गांव से पहुंचे किसान, मुजफ्फरनगर में महापंचायत आज
1 min readकिसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) के आंसुओं ने असर दिखाया है। गाजीपुर बार्डर (ghazipur border)पर वेस्ट यूपी हरियाणा के गांव गांव से किसान जुट गए हैं।
26 जनवरी के रोज गणतंत्र दिवस पर लाल किले की प्राचीर पर जो हुआ उसे सही नहीं ठहराया जा सकता।
ऐसे उपद्रवियों पर कड़े से कड़ा क़ानूनी एक्शन होना जरूरी है। लेकिन उपद्रवियों को ढाल बनाकर किसान तबके को ग़द्दार जैसा अहसास कराने का नैरेटिव (narrative) गढ़ना भारी पड़ सकता था।
गाजीपुर बार्डर (ghazipur border) स्थित धरना स्थल पर भारी पुलिस-अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर यही संदेश यही दिया गया।
दो महीने से भी अधिक समय से ठंड में सड़कों पर बैठे किसानों के लिये इससे ज्चादा अपमानजनक क्या होता, कि वे जिन मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वे पूरी न हों, ऊपर से उन पर ग़द्दारों जैसी तोहमत लगा दी जाए?
वे किस मुंह से लौटते? ऊपर से गाजीपुर बार्डर पर राकेश टिकैत को घेरने के दांव और उस पर टिकैत की आंखों से छलके दर्द भरे आंसुओं ने उनके टूटे हौसले को नई ताकत दे दी है।
हरियाणा, पंजाब और वेस्ट यूपी से किसानों का रेला अब दिल्ली बॉर्डर के धरना स्थलों पर नए सिरे से जमा दिखाई दे रहा है। सरकार ने भी नए सिरे से जुुट रहे किसानों को देखते हुए सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ा दी है।
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गाजीपुर बार्डर की ओर आने वाले ट्रैफिक रूट को भी डायवर्ट कर दिया गया है। आपको बता दें कि 29 जनवरी, 2021 की दोपहर मुजफ्फरनगर में महापंचायत भी बुलाई गई है।
आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का गृह जिला है। वह इसी जिले के गांव सिसौली (sisauli) के रहने वाले हैं।
इस महापंचायत (mahapanchayat) में किसान (kisaan) आंदोलन की आगामी रणनीति (strategy) को लेकर कुछ जरूरी बिंदुओं पर चर्चा हो सकती है और फैसले लिए जा सकते हैं।
आपको बता दें कि इसी बीच जयंत चौधरी भी गाजीपुर बार्डर पर किसानों के बीच पहुंचे हैं। अब सबकी निगाहें गाजीपुर बार्डर और किसानों की महापंचायत पर लगी हैं।