Dipsan tirkey : कभी उधार की हाकी स्टिक से खेलने को मजबूर था यह हाकी स्टार
1 min readदिपसान टिर्की (dipsan tirkey) का नाम तो आपने सुन ही लिया होगा। हाकी के इस स्टार ने टीम इंडिया के लिए इंडोनेशिया की खूब धुलाई की।
हीरो एशिया कप (Hero Asia Cup) के मैच में इंडोनेशिया को 16-0 से करारी शिकस्त देकर भारत ने सुपर-4 में जगह बनाई।
इसमें भारत की तरफ से दिपसान टिर्की (dipsan tirkey) ने कोई एक, दो या तीन नहीं, बल्कि सबसे ज्यादा 5 गोल दागे।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक वक्त था, जब दिपसान टिर्की (dipsan tirkey) हॉकी खेलना चाहते थे, लेकिन परिवार की मुश्किल परिस्थितियों के चलते उनके पास हॉकी स्टिक खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे।
ऐसे में वे गांव की गलियों में परिचितों से उधार मांगी हॉकी स्टिक (hockey stick) से प्रैक्टिस (practice) करते थे।
आपको बता दें कि दिपसान टिर्की (dipsan tirkey) ओडिशा (Odisha) के सुंदरगढ़ (sundargarh) जिले में स्थित एक गांव सोनमारा (sonmara) के रहने वाले हैं।
अपने बड़े भाई प्रशांत (Prashant) को देखकर हाकी की तरफ आकर्षित हुए दिपसान की जिंदगी में टर्न तब आया, जब उन्होंने राउरकेला स्पोर्ट्स हॉस्टल (Rourkela sports hostel) में प्रवेश लिया।
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उनकी बेहतरीन परफॉर्मेंस को देखते हुए जल्द ही उन्हें जूनियर लेवल पर खेलने का मौका मिला। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आपको बता दें कि दिपसान 2016 में जूनियर वर्ल्ड कप हॉकी (junior World Cup hockey) जीतने वाली टीम के उप कप्तान थे।
यह टूर्नामेंट लखनऊ (Lucknow) में हुआ था। हीरो एशिया कप (Hero Asia Cup) में भी दिपसान (dipsan) से बहुत उम्मीदें थीं, जिस पर वे खरे उतरे।
भारतीय टीम को पूल ए (pool A) में पाकिस्तान (pakistan) के साथ बराबरी पर आने और जापान (Japan) को परास्त करने के बाद इंडोनेशिया (Indonesia) के खिलाफ बड़ी जीत की जरूरत थी। उस टीम को 15 गोल से हराना था।
भारतीय टीम ने उसे शून्य के मुकाबले 16 गोल से मात दी। 1998 में जन्मे 24 साल के दिपसान से टीम को आगे भी उम्मीद है।