FIFA वर्ल्ड कप का वो मैच, जिसे अर्जेंटीना के फैन कभी याद नहीं करना चाहेंगे
1 min read8 जुलाई, 1990! इसी दिन फीफा (FIFA) यानी फुटबॉल वर्ल्ड कप का वह मैच खेला गया, जो ऐतिहासिक था, लेकिन जिसे अर्जेंटीना कभी याद नहीं रखना चाहेगा।
इटली (Italy) के सबसे बड़े शहर और राजधानी रोम (Rome) के स्टेडियो ओलंपिको (stadio Olympico) में फीफा (FIFA) वर्ल्ड कप का फाइनल होना था।
करीब 74 हजार दर्शक यह मैच देखने पहुंचे थे। 1986 का कप कब्जा चुकी अर्जैंटीना (arzentina) के तमाम माराडोना के फैंस के लिए फेवरेट थी।
अर्जेंटीना के सामने थी वेस्ट जर्मनी (Germany)। उम्मीद के एकदम विपरीत पहले हाफ तक कोई गोल नहीं हुआ।
अर्जेंटीना डिफेंसिव मोड में थी। दूसरे हाफ में वेस्ट जर्मनी की तरफ से बढ़िया तालमेल देखने को मिला, लेकिन गोल के सारे मौके हाथ से छूटते रहे।
ऐसे में आंद्रियास (andriyas) ब्रेहम की पेनल्टी किक ने अर्जेंटीना को कप से दूर कर दिया। बाल अर्जेंटीना के गोल कीपर के दाहिनी ओर से गोल पोस्ट में पहुंच चुकी थी और जीत वेस्ट जर्मनी के हाथों में।
इटली के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांसिस्को कोसिगा वेस्ट जर्मनी के कप्तान लोथर (lothar) को ट्राफी दे रहे थे।
वेस्ट जर्मनी के समर्थक खुशी से झूम रहे थे। और हम लोगों का दिल रो रहा था। माराडोना (maradona) और अर्जेंटीना के लिए।
अर्जेंटीना उस वक्त फाइनल में तीन बार पहुंचने वाली पहली टीम बनी थी। 1982, 1986 और 1990 में।
उसके बाद यह कारनामा ब्राजील (Brazil) ने किया। वह मैच याद आता है तो आंद्रियास का गोल भी याद आता है।
और हां, चलते चलते यह भी कि वह वेस्ट जर्मनी का आखिरी मैच था, क्योंकि इसी साल ईस्ट और वेस्ट जर्मनी एक होकर करीब 40 साल बाद जर्मनी हो गए थे।
लेकिन यह तय है कि उस मैच और आंद्रियास के पेनल्टी किक (penalty kick) को गोल में तब्दील कर देने का पल अर्जेंटीना कभी याद नहीं रखना चाहेगी।
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अगले वर्ल्ड कप में किस टीम का पलड़ा भारी होगा, यह देखने वाली बात होगी।