गंगोत्री विधायक गोपाल रावत का कैंसर से निधन, उत्तराखंड भाजपा में शोक की लहर
1 min readउत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के गंगोत्री विधायक (gangotri mla) गोपाल रावत (gopal rawat) का 22 अप्रैल, 2021 की शाम करीब सवा चार बजे निधन हो गया।
वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित चल रहे थे। उनका इलाज देहरादून के एक निजी अस्पताल गोविंद अस्पताल (govind hospital) में चल रहा था।
इससे पहले दिल्ली (Delhi) में उनका इलाज चल रहा था, जहां से डॉक्टर की सलाह पर उन्हें उत्तराखंड (uttarakhand) की राजधानी देहरादून (dehradun) शिफ्ट किया गया था।
उनके निधन पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री (ex cm) त्रिवेंद्र सिंह रावत (trivendra Singh rawat) ने भी अपने ट्विटर हैंडल (Twitter handle) http://@tsrawatbjp से ट्वीट (tweet) कर गहरा दुख व्यक्त किया।
उन्होंने गोपाल रावत को अपना साथी और अनुज बताते हुए गोपाल रावत के निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति करार दिया।
गोपाल रावत उत्तरकाशी (uttarakashi) के खूबसूरत हिल स्टेशन और अपने रसीले सेबों के लिए मशहूर हर्षिल (harshil) को पर्यटन के नक्शे पर उतरने के लिए प्रयासरत थे।
उत्तरकाशी में वह भाजपा के लिए संघर्ष करने वाले के तौर पर जाने जाते थे। वे केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh pokhriyal nishank) के भी करीबियों में शुमार थै।
उन्होंने पिछले साल ही दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi legislative assembly election) के दौरान बिजवासन से भाजपा प्रत्याशी सत प्रकाश के लिए प्रचार भी किया था।
उस दौरान वह दिन रात जुटे रहते थे। इसके कुछ ही महीनों बाद उन्हें कैंसर की पुष्टि हुई। उनकी तबीयत खराब रहने लगी।
इसके बाद उपचार के लिए उन्हें दिल्ली ले जाया गया था। वह वहां काफी समय से भर्ती थे, लेकिन उनकी हालत में अपेक्षा के अनुरूप सुधार नहीं आ पा रहा था।
गोपाल रावत के निधन से उत्तराखंड भाजपा के नेताओं में ही नहीं, बल्कि उत्तरकाशी के तमाम कार्यकर्त्ताओं, उनके तमाम जानने वालों, मित्रों, परिचितों, शुभचिंतकों में शोक व्याप्त है।
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हर कोई इस वक्त उन्हें अपने अपने तरीके से याद कर रहा है। भाजपा (BJP) के नेताओं का कहना है कि उन्होंने अपने एक कर्मठ साथी को खो दिया।