ध्वस्त हुआ देहरादून का कनक सिनेमा, 10 हफ्ते चली थी गढ़वाली फिल्म घरजवैं
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देहरादून की एक और पहचान मिट गई। यहां करीब साढ़े चार दशक से खड़ा कनक सिनेमा (kanak cinema) ध्वस्त हो गया। इसी में गढ़वाली फिल्म घरजवैं करीब 10 हफ्ते चली थी।
आपको बता दें कि घरजवैं को गढ़वाली की सुपरहिट फिल्म का दर्जा हासिल है। 1986 में आई इस फिल्म के गीत ‘रुम झुमा…’ आदि आज भी बहुत मशहूर हैं।
आपको यकीन नहीं होगा कि दिल्ली के संगम थिएटर में यह फिल्म लगातार 29 हफ्ते चली थी। उस वक्त यह सबसे महंगी गढ़वाली फिल्म भी कहीं गई थी, जिसके निर्माण में करीब 35 लाख का खर्च आया था।
फिल्म में हीरो की भूमिका बलराज नेगी ने निभाई, जबकि फिल्म की नायिका शांति चतुर्वेदी थीं।
खैर, बात चल रही थी कनक सिनेमा (kanak cinema hall) की। सिनेमा का स्वर्णिम दौर देखने के बाद कनक सिनेमा के बुरे दिन चल रहे थे।
वीसीआर के दौर के बाद यहां बी ग्रेड और अंग्रेजी फिल्मों का प्रदर्शन शुरू हो गया था।
हालांकि शोले, हद कर दी आपने जैसी फिल्में बीच बीच में लगीं और चलती भी रहीं। लेकिन 2020 आते-आते इसके बुरे दिन शुरू हो गए।
शहर के कुछ दूसरे सिनेमाघरों की ही तरह इसे भी तोड़े जाने की तैयारी होने लगी। तय हो गया कि इसे भी ध्वस्त किया जाएगा।

आपको बता दें कि चकराता रोड स्थित कृष्णा पैलेस (Krishna palace) और प्रभात (prabhat) जैसे सिंगल स्क्रीन सिनेमा हाल पहले ही मिट चुके हैं।
वे अब सिर्फ स्थानीय शहरवासियों की यादों में शेष रह गए हैं। जिन लोगों ने यहां फिल्में देखी हैं, वे गाहे बगाहे आने वाली पीढ़ी को बस उसके किस्से सुनाते दिखते हैं।
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आपको बता दें कि देहरादून में पहला हाल दिग्विजय (digvijay) था, जो घंटाघर पर स्थित है। इसी में पहली गढ़वाली फिल्म जग्वाल का शो हुआ था।
जग्वाल आज से करीब 40 साल पहले 1983 में आई थी। जिन लोगों ने कनक सिनेमा के शोज (shows) अपने परिजनों, मित्रों के साथ देखे हैं, वे हमेशा इस छविगृह को याद रखेंगे।