Rakesh Sharma से जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूछा-अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता …
1 min readभारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) 13 जनवरी को 72 साल के हो गए। राकेश शर्मा आज से 36 साल पहले 1984 में अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे।
आपको बता दें कि राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) ने भारतीय वायु सेना (indian air Force) के एक संयुक्त सोवियत संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत अंतरिक्ष की सैर की थी।
वहां वह 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट तक रहे। इस बीच उन्होंने कुल 43 एक्सपेरिमेंट (experiment) किए।
उनका कार्य मुख्य रूप से बायो-मेडिसिन (bio-medicine) और रिमोट सेंसिंग (remote sensing) से जुड़ा हुआ था।
वहां से उन्होंने सोवियत विशेषज्ञों टेलीविजन न्यूज कॉन्फ्रेंस (television news conference) की। इसके साथ ही भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी उनसे टेलीकांफ्रेंसिंग के जरिए संपर्क हुआ।
इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा-अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? राकेश शर्मा ने एक देशभक्त के अंदाज में जवाब दिया- सारे जहां से अच्छा।
आपको बता दें कि इसी टाइटल पर 2018 से एक फिल्म बन रही है इसमें भारत के अंतरिक्ष मिशन को दर्शाया जाएगा।
अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का जन्म पटियाला (patiala) में 1949 में हुआ था। उन्होंने सेंट जॉर्ज ग्रामर स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की।
और इसके बाद की पढ़ाई हैदराबाद के निजाम कॉलेज से पूरी की। सन् 1966 में उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी यानी एनडीए (NDA) ज्वाइन किया।
और इसके बाद 1970 में इंडियन एयर फोर्स में बतौर पायलट कमीशन प्राप्त किया। उन्होंने 1971 के बांग्लादेश युद्ध के समय मिग-21 में 21 स्वदेशी मिशन पूरे किए।
1982 में उनका चयन एयर फोर्स के संयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए हुआ। 1984 में 3 अप्रैल को उनका यह अंतरिक्ष यात्रा शुरू हुई।
उस वक्त वे वायु सेना में स्क्वाड्रन लीडर (squadron leader) थे। उनके साथ दो सोवियत यात्री भी पहुंचे थे।
अपनी इस उपलब्धि के लिए राकेश शर्मा को बाद में भारत सरकार ने शांति के समय दिए जाने वाले सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र (Ashok chakra) से सम्मानित किया।
उन्हें सोवियत सरकार ने भी हीरो ऑफ सोवियत यूनियन के पुरस्कार से नवाजा। राकेश शर्मा वायु सेना से विंग कमांडर पद से सेवानिवृत्त हुए।