कोरोना काल में बच्चों के घर तक ही पहुंचा दिया स्कूल

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शिक्षक अगर संवेदनशील हो तो वह बच्चों की पढ़ाई का हर्जा किसी कीमत पर नहीं होने दे सकता। इसकी मिसाल हैं डॉक्टर सपन कुमार। डाक्टर सपन कुमार ने लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद होने पर गांव में ही बच्चों के घरों की दीवारों पर ब्लैक बोर्ड बनवा दिए, ताकि बच्चे कोविड-19 संक्रमण काल में सुरक्षित रहें और अपने घरों में ही अपनी पढ़ाई कर सकें।

मामला झारखंड के दुमका जिले में जरमुंडी ब्लाक स्थित डुमरथर गांव का है। डाक्टर सपन कुमार इस गांव में स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रिंसिपल हैं। बकौल डाक्टर सपन  उनके इस कार्य में स्कूल के भी  चार शिक्षक उनका सहयोग कर रहे हैं।

इतना ही नहीं,  गांव के ही कुछ युवा उनकी मुहिम में साथ आ गए हैं। डॉक्टर सपन कहते हैं कि लॉकडाउन को देखते हुए बच्चे का घर से निकलकर स्कूल आना संभव नहीं था। लेकिन स्कूल उनके पास किस तरह पहुंचे? बच्चे किस तरह पढ़ सकें? यही सोचते सोचते इस अनोखे स्कूल का विचार आया।

वह कहते हैं कि घर पर ही स्कूल तब तक चलेगा, जब तक सरकार की ओर से सभी स्कूल खोलने के आदेश नहीं आ जाते। डॉक्टर सपन कुमार अपने इस कदम पर गर्व तो करते हैं लेकिन वह इसे उससे अधिक समय की जरूरत करार देते हैं।

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