दिवाली पर इन रंगों का न करें रंगोली में इस्तेमाल, सकारात्मक ऊर्जा नहीं मिलती
1 min readदिवाली (Diwali) का जगमग त्योहार दस्तक दे रहा है। रंगोली घर की साज-सज्जा में चार चांद लगा देती है। लेकिन रंगोली में काला, भूरा रंग इस्तेमाल न करें।
दरअसल, काला रंग शोक का प्रतीक है और दिवाली (Diwali) खुशियों का त्योहार। इसीलिए इस रंग को रंगोली में इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है।
दिवाली इस बार शनिवार को है। उसके साथ कई त्योहार भैया दूज आदि भी मनाए जाएंगे। त्योहारों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।
दोस्तों, वास्तु में भी कुछ आसान उपाय बताए गए हैं, जो इन त्योहारों पर आपके परिवार की सुख-समृद्धि में बढ़ाने में मददगार हैं।
जैसा कि आप जानते ही हैं-घर या प्रतिष्ठान का मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
त्योहारों के स्वागत में घर या प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार को तोरण, रंगोली आदि से सजाया जाता है। ऐसे में घर के प्रवेश द्वार की सफाई विशेष रूप से करें।
घर के प्रवेश द्वार के दोनों ओर दीपक जलाएं। अगर घर या प्रतिष्ठान में रंग-रोगन की आवश्यकता है तो इसे जरूर कराएं।
दीवारों पर दरारें, टूट-फूट, सीलन के निशान नकारात्मक ऊर्जा को जन्म देते हैं। घर में जो वस्तुएं अनुपयोगी हैं, उन्हें फेंक दें।
त्योहारों पर घर या प्रतिष्ठान का वातावरण धूप और अगरबत्ती आदि से सुगंधित करें। फूल, आम के पत्ते, रंगोली, रंगीन बल्ब आदि से घर या प्रतिष्ठान की सजावट करें।
दिवाली पर घर में बच्चों, बहू-बेटियों को रुपया-पैसा या दूसरी वस्तुओं का दान अवश्य करें। किसी को भी उपहार में चाकू या चमड़े आदि का सामान न भेंट करें।
घर के कोने-कोने में नमक मिश्रित जल का छिड़काव करें। त्योहारों पर ध्यान रखें कि घर में कोई कमरा बंद न हो।
पूजा में पीले वस्त्रों का प्रयोग करें। त्योहारों पर तुलसी के पौधे पर लाल या पीले रंग का वस्त्र चढ़ाएं और घी का दीप जलाकर रखें। इससे वातावरण सकारात्मक रहेगा।