रस्किन बांड 87 साल के हुए, मसूरी-देहरा का रूप झलकता है इनकी कथाओं में
1 min readअंग्रेजी के मशहूर साहित्यकार रस्किन बांड (Ruskin bond) 19 मई, 2021 को 87 साल के हो गए। उनकी कहानियों में मसूरी-देहरा का रूप झलकता रहा है।
आपको बता दें कि रस्किन बांड (Ruskin bond) का जन्म 19 मई, 1934 को हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कसौली (kasauli) के एक फ़ौजी अस्पताल (army hospital) में हुआ था।
उनके माता-पिता का नाम अब्रे बॉण्ड और एरिथ क्लार्क था। रस्किन बांड छोटे ही थे, जब उनके पिता मलेरिया (malaria) से चल बसे।
उनकी परवरिश शिमला, जामनगर, मसूरी, देहरादून तथा लंदन में हुई। इन दिनों वे अपने परिवार के साथ उत्तराखंड में पहाड़ों की रानी मसूरी में रहते है।
सन् 1999 में भारत सरकार ने उन्हें साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया।
इसके पश्चात 2014 में उन्हें पद्मभूषण से नवाजा गया।
उन्हें आवर ट्रीज़ स्टिल ग्रो इन देहरा के लिए साहित्य अकादमी एवार्ड मिला। उनकी रचना फ्लाइट ऑफ़ पिजन्स यानी कबूतरों की उडान और एंग्री रिवर गुस्साई नदी पर फिल्में भी बनीं।
फिल्म अभिनेता और निर्माता रहे शशि कपूर (Shashi Kapoor) ने श्याम बेनेगल (shyam benegal) के निर्देशन में 80 के दशक में फ्लाइट ऑफ़ पिजन्स पर एतिहासिक प्रेम पर आधारित फिल्म जुनून बनाई।
इसके बाद फिल्म निर्माता निर्देशक विशाल भारद्वाज (Vishal bhardwaj) ने उनकी रचना सुज़ैन सेवेन हसबैंड पर सात खून माफ़’ जैसी रोमांटिक-थ्रिलर बनाई।
विशाल ने इसके बाद बाल-कथा द ब्लू अंब्रेला नाम से भी हास्य-ड्रामा फिल्म बनाई। रस्किन बांड को अब भी मसूरी में अपने बचपन के रास्तों में खो जाना बेहद पसंद है।
वे सप्ताह में एक दिन मसूरी की एक बुक शॉप में अपने प्रशंसकों से मिलते हैं और उन्हें किताबों में आटोग्राफ देते हैं।
हालांकि इन दिनों कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहे राज्य में यह सिलसिला रुका हुआ है। इन दिनों रस्किन बांड सोशल मीडिया पर भी खासे सक्रिय हैं। उन्होंने अपने जन्मदिन पर अपने फेसबुक अकाउंट https://www.facebook.com/103157027779564/posts/507410554020874/
के माध्यम से अपने प्रशंसकों को संदेश भी दिया है। 87 की उम्र में भी जिंदगी को अलहदा अंदाज में जीने वाले इस साहित्यकार को http://Khaskhabar24.com
की ओर से जन्म दिन बहुत बहुत मुबारक!