Jail tourism : केवल 50 रुपए में जाइए यरवदा जेल, महाराष्ट्र सरकार की योजना
1 min readयदि आप भी जानना चाहते हैं कि यरवदा की जेल में महात्मा गांधी क्या करते थे? संजय दत्त किस कमरे में रहते थे? तो जेल पर्यटन (jail tourism) कर सकते हैं।
इसके लिए आपको बतौर फीस केवल 50 रुपए चुकाने होंगे। यदि स्कूल छात्र हैं तो केवल 5 रुपए में यरवदा जेल (yarvada jail) घूम सकते हैं। कालेज छात्रों के लिए इस जेल भ्रमण की फीस केवल 10 रुपए रखी गई है।
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने अपनी 150 वीं वर्षगांठ पर ऐतिहासिक यरवदा सेंट्रल जेल पुणे में 26 जनवरी से शुरू होने वाले जेल पर्यटन के लिए एक अनूठी पहल करने का फैसला किया है।
राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख (anil deshmukh) ने 23 जनवरी, 2021 को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, यह जेल पर्यटन (jail tourism) का पहला चरण है।
बाद में, इसका विस्तार अन्य जेलों जैसे नागपुर (nagpur), नासिक (nasik), ठाणे (thane) आदि में किया जाएगा।
आपको बता दें कि 1871 में बनी यरवदा सेंट्रल जेल 512 एकड़ में फैली है, जो दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल है।
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यह जेल भारत (india) के स्वतंत्रता आंदोलन की साक्षी रही है। जिन प्रमुख ऐतिहासिक हस्तियों ने यहां समय बिताया है उनमें महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, सरोजिनी नायडू, लोकमान्य गंगाधर तिलक, जोआचिम अल्वा, वीर सावरकर आदि शामिल हैं।
महात्मा गांधी को इस जेल में दो बार 1922 और 1932 में रखा गया। यहीं उन्होंने फोल्डिंग चरखा बनाया। जिसका नाम यरवदा चरखा रखा गया।
आपातकाल के दौरान, जिन लोगों को जेल में डाला गया था, उनमें अटल बिहारी वाजपेयी, प्रमिला दंडवते, बालासाहेब देवरस, वसंत नरगोलकर शामिल रहे।
यरवदा जेल में लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, आंबेडकर, जैसे नेता जिन बैरकों में रहे उन्हे स्मारक के रूप में सुरक्षित रखा गया है।
वैसे ही संजय दत्त और कसाब का कमरा भी पर्यटक देख सकते हैं। यह जेल अंग्रेजों निर्मित पथरीले वास्तु का नायाब नमूना है। यहीं आतंकी कसाब को फांसी दी गई थी।
जेल के भीतर अलबत्ता कैमरा, मोबाइल फोन या अन्य सामान ले जाना मना है। जेल प्रशासन खुद आपकी तस्वीर/सेल्फी उतारकर दे देगा।