जामताड़ा : जहां लिखी जाती है ठगी की स्क्रिप्ट, मंत्री हो या हीरो, सबको चूना लगाया
1 min read‘ऐसा कोई नहीं, जिसको ठगा नहीं’। यह कहावत जामताड़ा (jamtara) पर फिट बैठती है। ये वो जगह है, जहां बड़े पैमाने पर साइबर क्राइम की script लिखी जाती है।
मंत्री, संतरी, बॉलीवुड के सुपर स्टार यहां के ठगों के चूने से कोई नहीं बच सका है। अभी तक यहां के करीब सवा सौ साइबर ठग जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं।
आपको सुनकर हैरानी होगी। यहां के लोगों पर 2019 में 16 लाख से अधिक की लूट के मामले दर्ज किए गए।
मेगा स्टार अमिताभ बच्चन, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परणीत कौर समेत कईयों को उन्होंने निशाना बनाया है।
ये अपने शिकार को बैंक मैनेजर बनकर फोन करते थे और कभी सेलरी ट्रांसफर तो कभी एटीएम ब्लाक हो जाने की जानकारी दे उसे चालू कराने के नाम पर लोगों के एकाउंट की डिटेल पता कर चूना लगा देते थे।
एक केंद्रीय मंत्री से 1.80 लाख की ठगी के तार भी जामताड़ा से ही जुड़े। केरल के एक सांसद को तो जहां 1.60 लाख रुपए का झटका लगा। वहीं उत्तर प्रदेश के एक भाजपा विधायक से भी पांच हजार की ठगी कर दी गई।
झारखंड के इस छोटे से जिले जामताड़ा के कर्माटांड थाना में पहला केस 2013 में दर्ज किया गया था। केस में यह साफ साफ लिखा गया था कि अपराधी विभिन्न कंपनियों के नाम से लकी ड्रा के नाम पर इनाम का झांसा देकर ठगी करता था।
इसके बाद यह सिलसिला नहीं रुका। नारायणपुर, कर्माटांड से साइबर अपराधियों ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, पंजाब और अंडमान-निकोबार तक के लोगों को जामताड़ा गैंग ने अपना शिकार बनाया है।
आपको बता दें कि जामताड़ा करीब तीन दशक पहले तक जहरखुरानों का अड्डा हुआ करता था।
जामताड़ा चूंकि कोलकाता से दिल्ली के बीच चलने वाली रेलवे लाइन पर स्थित है। ऐसे में रेलवे यात्रियों को निशाना बनाना उनके लिए बेहद आसान था।
जामताड़ा के गरीब और बेरोजगार युवाओं ने इसी राह पर चलते हुए नशीले पदार्थ खिलाकर जहरखुरानी का काम अंजाम देना शुरू कर दिया था।
बाद में उन्होंने क्राइम मैथड़ बदल फोन पर फ्राड के जरिये खूब लूट मचाई। यह साइबर तकनीक से दूसरे शहरों में बैठे व्यक्ति को झांसे में लेकर उसके बैंक एकाउंट (bank account) से रकम साफ कर देते।
यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि जामताड़ा कभी सांपों की वजह से प्रसिद्व था। दरअसल, जामताड़ा शब्द जामा और ताड़ दो शब्दों से मिलकर बना है।
संथाली भाषा में जामा का मतलब होता है सांप और ताड़ का मतलब घर। यानी कि इसकी पहचान सांपों के घर के रूप में होती थी।
साइबर लूट बढ़ने के साथ ही जामताड़ा जिले के जिन युवाओं के सिर पर टूटी फूटी झोंपड़ी का साया था, वहां आलीशान पक्के मकान दिखने लगे। एसयूवी जैसी महंगी गाड़ियां नजर आने लगीं।
खास तौर पर संथाल परगना क्षेत्र स्थित इसके कर्माटांडा गांव की हालत में तो दिन-रात का अंतर आ गया।
आपको बता दें कि जामताड़ा (jamtara) साल 2001 में जिला बना। इससे पहले वह दुमका जिले का हिस्सा था। खास तौर पर यहां के कर्माटांड गांव के साइबर शातिरों के कारनामों की वजह से इसे भारत का साइबर क्राइम (cyber crime) हब कहा जाने लगा।
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जामताड़ा (jamtara) में साइबर क्राइम पर वेब सीरीज ‘जामताड़ा : सबका नंबर आएगा’ भी आई, जिसे खूब पसंद किया गया।