केदार धाम के कपाट खुले, भक्तों से दूरी के बीच परंपरागत विधि विधान संग पूजा-अर्चना

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Badri धाम से एक ही दिन पहले खुले केदारनाथ मंदिर के कपाट।

Badri धाम से एक ही दिन पहले खुले केदारनाथ मंदिर के कपाट।

बाबा श्री केदार (kedar) धाम के कपाट सोमवार 17 मई, 2021 को सुबह पांच बजे अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार खोल दिए गए।

श्री केदार (kedar) धाम के कपाट खोले जाने के दौरान विधि विधान से मंत्रोचारण और पूजा अर्चना की गई।

मंदिर के कपाट खुलने के पश्चात केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंगम (rawal bhima Shankar lingam) और मुख्य पुजारी बागेश लिंगम (baghesh lingam) ने स्वयंभू शिवलिंग को समाधि से जागृत किया।

निर्वाण दर्शनों के पश्चात उन्होंने शिवलिंग का श्रृंगार तथा रूद्राभिषेक पूजाएं कीं। इससे पहले ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से बाबा केदार की विग्रह डोली केदारनाथ धाम के लिए ले जाई गई।

पिछले साल ऐसा पहली बार हुआ था कि केदारनाथ की डोली सीधे वाहन में केदारनाथ मंदिर के लिए ले जाई गई थी।

गए साल भी कोरोना (corona) की वजह से यात्रा नहीं हो सकी थी। बाद में उत्तराखंड राज्य सरकार (uttarakhand state government) ने कुछ समय के लिए यात्रा का संचालन किया था।

उस वक्त लगभग एक लाख, 35 हजार के आसपास श्रद्धालुओं ने बाबा श्री केदारनाथ मंदिर के दर्शन किए थे।

हालांकि बाबा के भक्तों के लिए प्रतिबंध लगाया गया था कि उन्हें मंडप के भीतर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी।

उन्हें बाहर से ही दर्शन कर लौटना था। पिछले साल 29 अप्रैल को मंदिर के कपाट खुलने के बाद बेहद सीमित समय के लिए ही अंदर घुसने की इजाजत दी गई थी।

Kedar धाम के कपाट खोलने की तैयारी।
Kedar धाम के कपाट खोलने की तैयारी।

इस बार कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। हालात एक बार फिर से बहुत खराब हैं। संक्रमित मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं।

ऐसे में उत्तराखंड राज्य सरकार ने एक बार फिर से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है।

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एहतियाती कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया गया है कि चार धामों के कपाट परंपरा के अनुरूप खोले जाएंगे, लेकिन यात्रा संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। मंदिर के पुजारी ही पूजा अर्चना कर सकेंगे।

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