नंदू नाटेकर, जिन्होंने विदेशी धरती पर बैडमिंटन में भारत को दिलाई थी पहली जीत
1 min readक्या आपने नंदू नाटेकर (nandu natekar) का नाम सुना है? आपको बता दें कि वे विदेशी धरती पर खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे।
जी हां, यह साल था 1956 और जगह भी कुआलालंपुर। उन्होंने यहां सेलांगोर इंटरनेशनल टूर्नामेंट की पुरुष एकल चैैंपियन शिप जीत तहलका मचा दिया था।
आपको बता दें कि पूर्व नेशनल बैडमिंटन चैंपियन (national badminton champion) नंदू नाटेकर (nandu natekar) ने अपने 15 साल के करियर में 100 से अधिक नेशनल और इंटरनेशनल खिताब जीते हैं।
उन्होंने छह बार नेशनल मेन्स डबल्स चैंपियनशिप जीती। इतनी ही बार पुरुष एकल नेशनल चैंपियन रहे। उन्होंने मिश्रित युगल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप पांच बार अपने नाम की।
आपको बता दें कि नंदू नाटेकर का जन्म 12 मई, 1933 को महाराष्ट्र (Maharashtra) के सांगली (sangli) में हुआ।
उन्होंने मुंबई के रामनारायण रुइया कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। वे ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में अंतिम 8 में पहुंचने में भी कामयाब रहे थे।
सन् 1961 में वे अर्जुन पुरस्कार (Arjun award) प्राप्त करने वाले पहले बैडमिंटन खिलाड़ी थे। इसके अलावा इसी साल वे
भारत के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी भी चुने गए।
इसके अगले ही साल 1962 में बैंकाक के किंग्स कप इंटरनेशनल टूर्नामेंट में नंदू नाटेकर ने मीना शॉ के साथ मिलकर मिक्स्ड डबल्स (mixed doubles) का खिताब जीता।
इसके एक साल बाद 1963 में इसी इवेंट में नंदू ने पुरुष एकल का खिताब जीता। इससे पूर्व उन्होंने 1955 में जमैका में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
आईबीएफ (IBF) ने 1989 में उन्हें सम्मानित किया। 1991 में मॉरीशस में जगत् मराठी परिषद में उन्हें सम्मानित किया गया। जनवरी, 2001 में भारत के पेट्रोलियम स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड ने उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
से सम्मानित किया।
2002 में उन्हें सह्याद्री नवरत्न पुरस्कार मिला। नंदू नाटेकर नाटेकर स्पोर्ट्स एंड फिटनेस (एनएसएफ) के डायरेक्टर हैं।
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आपको यह भी बता दें कि उनका बेटा, गौरव नाटेकर (gaurav natekar) भी सात बार इंडियन नेशनल टेनिस चैंपियन (tennis champion) रहा है।