सदाशिव अमरापुरकर : जब निगेटिव रोल के लिए फिल्म फेयर अवार्ड पाने वाले पहले अभिनेता बने
1 min readसदाशिव अमरापुरकर (sadashiv amrapurkar) एक ऐसे अभिनेता थे, जिन्हें ‘महारानी’ के रोल के लिए फिल्म फेयर अवार्ड फार विलेनियस रोल मिला।
इस अवार्ड को फिल्म फेयर ने 1991 में शुरू किया था और सदाशिव अमरापुरकर (sadashiv amrapurkar) सड़क फिल्म में धांसू एक्टिंग कर इसे हासिल करने वाले पहले अभिनेता बने।
सदाशिव अमरापुरकर अपने विलेन और कॉमेडी रोल्स के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। वह ऐसे अभिनेता थे, जिन्हें अपनी पहली ही फिल्म अर्द्धसत्य के लिए फिल्म फेयर (film fare) अवार्ड फॉर बेस्ट सर्पोटिंग एक्टर मिला था।
यह 1983 का साल था। और आपको बता दें कि मशहूर अभिनेता ओम पुरी को भी गोविंद निहलानी (govind nihlani) की इसी फिल्म ने इंडस्ट्री में स्थापित किया था।
सदाशिव अमरापुरकर का जन्म 11 मई, 1950 को अहमदनगर (ahmad Nagar) जिले के शिवगांव तालुका स्थित अमरापुर गांव में हुआ था।
वह इस गांव में एक फिल्म म्यूजियम बनाना चाहते थे और अपनी जिंदगी अपने बचपन को याद करते यहां गुजारना चाहते थे, लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी।
उन्हें फिल्मों की तरह क्रिकेट का भी शौक था, लेकिन उन्होंने अभिनय को तरजीह दी। और अपना करियर फिल्म लाइन में चुना।
वह सिनेमा के पर्दे पर जितनी क्रूरता करते नजर आते थे, असल जिंदगी में इसके ठीक उलट एक बेहद शानदार इंसान थे।
वे सामाजिक रूप से भी बहुत सक्रिय रहे। उन्होंने सामान्य जन मानस में व्याप्त अंधविश्वास को दूर भगाने से लेकर शिक्षा की अलख जगाने तक गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर लोगों के बीच काम किया।
सन् 2014 में फेफड़ों का संक्रमण हो जाने की वजह से उनकी मौत हो गई। उनके गृह नगर के एक एनजीओ ग्लोबल थिंक फाउंडेशन ने उनके नाम पर एक अवार्ड भी शुरू किया।
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यह अवार्ड सुरेश वाडेकर समेत कई हस्तियों को दिया जा चुका है। सदाशिव अमरापुरकर ने आखिरी रास्ता, सड़क, हुकूमत, जवानी जैसी फिल्मों में विलेन का रोल किया तो इश्क, आंखें जैसी फिल्मों में उनका अलग अंदाज लोगों को खूब भाया।