चलो बुलावा आया है… गाकर शिखर पर पहुंचे भजन गायक नरेंद्र चंचल का निधन
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चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है… गाकर ऊंचाइयों पर पहुंचने वाले नरेंद्र चंचल (Narendra chanchal) का 22 जनवरी को निधन हो गया।
नरेंद्र चंचल (Narendra chanchal) 80 साल के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें अपोलो अस्पताल (Apollo hospital) में भर्ती कराया गया था, जहां 22 जनवरी, 2021 को उन्होंने अंतिम सांस ली।
आपको बता दें कि उनका जन्म 16 अक्टूबर 1940 में अमृतसर (Amritsar) की नमक मंडी में हुआ था। यह आजादी से पहले का वक्त था।
![Narendra chanchal एक जागरण में प्रस्तुति देते हुए। (फाइल फोटो)](https://khaskhabar24.com/wp-content/uploads/2021/01/Screenshot_2021-01-22-15-10-05-52-300x161.png)
बचपन से ही उनके घर में धार्मिक वातावरण था, जिसका उनके मन पर सकारात्मक असर पड़ा और वे भजन गायकी की ओर प्रवृत्त हो गए।
शुरू में धार्मिक भजन और माता की भेंट गाने से शुरू हुआ उनका सफर हिचकोले लेता रहा। गाते गाते संघर्ष का मुकाम पार कर वे 33 साल की उम्र में मुंबई पहुंचे, जहां उन्हें राज कपूर की फिल्म बॉबी (bobby) में ‘बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो’ गाने का अवसर मिला।
बेटे ऋषि कपूर को बालीवुड में लांच करने के लिए बनाई गई राज कपूर की यह 1973 में आई फिल्म रिकॉर्ड ब्रेकिंग रही।
नरेंद्र चंचल को भी अपनी पहली फिल्म में इस गीत के लिए फिल्म फेयर अवार्ड फॉर बेस्ट सिंगिंग मिल गया।
इसके बाद बेनाम फिल्म का ‘मैं बेनाम हो गया’ गीत भी बहुत मशहूर हुआ। लेकिन ‘आशा’ और ‘अवतार’ फिल्म के लिए गाए गीतों ‘तूने मुझे बुलाया शेरांवालिए’ और ‘चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है’ गाकर वे प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंच गए।
नरेंद्र चंचल की आवाज ही उनकी यूएसपी (USP) थी। फिल्मों में गानों के साथ साथ वे बड़ी संख्या में माता के जागरण और निजी कार्यक्रम भी करते रहते थे।
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देश-विदेश में उन्होंने बहुत कार्यक्रम किए। यहां तक कि उनके पास जॉर्जिया (gerogia) की मानद नागरिकता (honours citizenship) भी थी।
भजन गायकी में अलहदा मुकाम रखने वाले नरेंद्र चंचल को उनकी आवाज के लिए हमेशा याद रखा जाएगा।