रूद्रप्रयाग की डीएम वंदना सिंह को पांच महीने में ही हटाया, कार्मिक से अटैच

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रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) की जिलाधिकारी (DM) वंदना सिंह को केवल साढ़े 5 महीने में ही हटा दिया गया है। इस फैसले से सब भौंचक हैं।

उन्हें अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) के कार्यालय से अटैच किया गया है।

महज साढ़े 5 महीने में ही वंदना को रूद्रप्रयाग (Rudraprayag) के DM पद से हटाए जाने के पीछे सरकार की नाराजगी मानी जा रही है।

यह फैसला राज्य में चर्चाओं में बना हुआ है। बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार को जल जीवन मिशन समीक्षा को लेकर सीएम की बैठक की थी।

इस बैठक में रूद्रप्रयाग से केवल मुख्य विकास अधिकारी (CDO) ही पहुंचे।

उनसे जब डीएम के बैठक से गैर मौजूद रहने की बाबत पूछा गया तो उन्होंने डीएम के पंडा समाज की बैठक में होने की बात कही।

इस पर सचिव पेयजल नितेश झा ने नाराजगी जताई। इसके कुछ समय बाद वंदना बैठक में पहुंच सकीं।

वंदना को डीएम से हटाकर नई तैनाती न दिए जाने को सरकार की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है।

क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है कि डीएम को हटाकर न तो नई तैनाती दी गई और न ही बाध्य प्रतीक्षा में रखा गया।

आपको बता दें कि जल जीवन मिशन प्रोजेक्ट को लेकर उत्तराखंड की सरकार बहुत गंभीर है।

उसे इसे लेकर केंद्र सरकार से भी  सराहना मिल चुकी है। इसके तहत राज्य सरकार ने हर घर में नल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

ऐसे में इस अहम मिशन की बैठक में डीएम के शामिल न होने को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।

आपको बता दें कि रूद्रप्रयाग में अपनी तैनाती के बाद से ही डीएम वंदना सिंह चर्चा में थीं।

जिले का चार्ज लेते समय उन्होंने जिले के विकास को अपनी प्राथमिकता करार दिया था।

वह वहां अपनी कार्य प्रणाली से धीरे-धीरे मकबूल भी हो रही थीं। लोग अपनी दिक्कतों को लेकर उनसे बखूबी मिलते थे।

हालांकि उत्तराखंड में नौकरशाही में ऊंट कब किस करवट बैठ जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता है।

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