सावित्रीबाई फुले : देश की इन पहली महिला शिक्षिका के बारे में कितना जानते हैं आप
1 min readसावित्रीबाई फुले (Savitribai phule)! क्या आप जानते हैं कि वे देश की पहली महिला शिक्षिका मानी जाती हैं। पहला बालिका विद्यालय उन्होंने ही खोला था।
सन् 1848 में पुणे के भिंडेवाड़ा में उन्होंने इस विद्यालय को शुरू किया था, ताकि शिक्षा को लेकर उपेक्षा की शिकार बालिकाओं को पढ़ने और आगे बढ़ने का अवसर मिल सके।
आपको बता दें कि अपने पति ज्योति राव फुले के साथ मिलकर उन्होंने देश भर में ऐसे कोई एक या दो नहीं, बल्कि 18 विद्यालय आरंभ किए।
सावित्रीबाई फुले (Savitribai phule) का जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र (Maharashtra) के सतारा जिले में स्थित नैगांव (naigaon) में हुआ था।
उनमें शुरू से ही पढ़ने लिखने की ललक थी। तमाम बाधाओं के बावजूद उन्होंने पढ़ लिख कर शिक्षण प्रशिक्षण भी पूरा किया।
नौ वर्ष की छोटी उम्र में उनका विवाह ज्योति राव फुले के साथ हुआ। उन्होंने भी सावित्रीबाई को उनके कार्य में पूरा सहयोग दिया।
उस समय समाज जातिवाद की बेड़ियों में बुरी तरह जकड़ा था। उन्होंने इन बेड़ियों को कमजोर करने का काम भी किया।
इस दौरान उनके ऊपर गंदगी फेंकी गई। तमाम तरीके से उनका विरोध किया गया, लेकिन वह अपने मार्ग से नहीं डिगीं।
उन्होंने विधवा विवाह पर भी जोर दिया और 1873 में विधवा विवाह भी संपन्न कराया।
यह देखकर आश्चर्य होना स्वाभाविक है कि एक ऐसे समय में जहां औरतों का घर से बाहर निकलना ठीक नहीं समझा जाता था, सावित्रीबाई फुले ने समाज को और खास तौर पर बालिकाओं की शिक्षा के लिए सबसे मोर्चा लिया।
10 मार्च, 1897 में करीब 66 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। आज से करीब सात साल पहले 2014 में पुणे विश्वविद्यालय का नाम बदलकर उनके नाम पर रखा गया।
वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने भी 3 जनवरी को उनकी जयंती पर हर साल सावित्री उत्सव कराए जाने की भी घोषणा की। सावित्रीबाई फुले के कार्य सदैव सभी के लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे। उनकी 191वीं जयंती पर नमन।