सूर्यधार झील बन सकती है एडवेंचर के शौकीनों का नया ठिकाना
1 min readयदि आपको झीलों के आस पास घूमना पसंद है और एडवेंचर स्पोर्ट्स का शौक रखते हैं तो सूर्यधार झील (suryadhar lake) आपका नया ठिकाना हो सकती है।
इस झील का लोकार्पण उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (CM) त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीती 29 नवंबर को किया हैैं। त्रिवेंद्र सरकार अब राज्य के 8 और स्थानों पर नई झीलें बनाएगी।
आपको बता दें कि इस सूर्यधार झील (suryadhar lake) के बन जाने से न सिर्फ पेयजल और सिंचाई के पानी की समस्या दूर होगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
अगर झील से बिजली उत्पादन भी हो सका तो यह सरकार की बड़ी सफलता होगी। सूर्यधार जैसी झीलों के निर्माण से घाटी के इकोसिस्टम में भी बदलाव की बात कही जा रही है।
दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने पैतृक गांव पौड़ी जिले की पूर्वा नयार घाटी में स्थित खैरासैंण में अपना बचपन बिता चुके हैं।
उन्हें नदियों का पानी दिन-ब-दिन कम होते जाने की बात सालती रही है। उन्होंने अधिकारियों से इस संबंध में विचार विमर्श किया।
तय हुआ कि सभी वर्षा जल जनित नदियों का एक सर्वेक्षण कर कुछ ऐसे स्थान चयनित किए जाएं, जहां छोटी-छोटी झीलें बना कर वहां पर्यटन, मछली पालन, बिजली उत्पादन आदि को बढ़ावा दिया जाए।
ये बहुउद्देशीय झील पेयजल किल्लत दूर करने से लेकर जलक्रीडा को बढ़ावा तो देंगी ही, साथ ही साथ सूखे पड़ चुके खेतों में सिंचाई में मददगार होंगी। इस प्रकार ये घाटियां फिर से आबाद हो सकेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चयनित बरसाती नदियों का सर्वेक्षण कर उनमें झील (जलाशय) के लिए स्थान चयन का काम यूसैक के निदेशक महेन्द्र प्रताप सिंह बिष्ट और उनकी टीम को सौंपा। जिनके प्रयासों से सूर्यधार झील परियोजना का लोकार्पण कर दिया गया।
अब इसी तर्ज पर ल्वाली, पैठाणी, पपडतोली, गैरसैण, कोशी, स्यूंसी, खैरासैंण और सतपुली जैसे कई स्थानों का स्थलीय परीक्षण कर वहां झील बनाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
इनमें से ल्वाली और चम्पावत में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है । बहुत संभव है कि ये दोनो झीलें इस साल की समाप्ति से पूर्व अस्तित्व में आ जाएं।