उत्तराखंड में 87 हजार फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों का होगा वैक्सीनेशन, 33 सेंटर बनाए गए
1 min readउत्तराखंड (uttarakhand) के 33 केंद्रों में टीकाकरण (vaccination) शनिवार से शुरू होगा। पहले चरण में 87,000 फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
राज्य में बड़े जिलों में चार-चार, जबकि छोटे जिलों में दो से तीन केंद्रों (centers) में वैक्सीनेशन (vaccination) होगा।
स्वास्थ्य विभाग इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों के अलावा सबसे पहले सफाई कर्मियों, सेना और आपदा प्रबंधन से जुड़े लोगों को कोविड-19 (covid-19) वैक्सीन लगाई जाएगी।
केंद्र से प्रदेश को करीब सवा लाख को खुराक (dose) मिली हैं। देहरादून (dehradun) और हल्द्वानी (haldwani) में एक या दो लाभान्वित फ्रंटलाइन वर्कर (front line workers) से बात करके देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) उनके अनुभवों को भी जानेंगे।
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खास बात यह है कि डायबिटीज (diabetes), ब्लड प्रेशर (blood pressure) के मरीजों के साथ ही गर्भवती यानी pregnant या स्तनपान (breast feeding) कराने वाली महिलाओं को अभी वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी।
आपको बता दें कि लोग अपनी मर्जी से एक कोविशील्ड (covishield) और एक को वैक्सीन (covaccine) नहीं लगवा सकेंगे। उन्हें केंद्र पर उपलब्ध और एक ही वैक्सीन लगाई जाएगी।
कोरोना (corona) से ठीक हुए लोगों को 8 सप्ताह बाद ही वैक्सीन दी जाएगी। वैक्सीन लगवाने वालों को 28 दिन बाद वैक्सीन की दूसरी डोज दी जाएगी।
आपको बता दें कि शनिवार को टीकाकरण (vaccination) शाम को 5:00 बजे तक चलेगा। जो भी इस दिन केंद्र पर पहुंचेगा, उसको इसी दिन वैक्सीन लगाई जाएगी। बेशक थोड़ी देर से।
आपको बता दें कि तीसरे ट्रायल से पहले ही वैक्सीन की खेप बाजार में उतार दी गई है।
नार्वे में फाइजर (Pfizer) की वैक्सीन लगने के बाद करीब 23 लोगों की मौत की खबर आ रही है।
इसे लेकर लोगों में कोरोना की वैक्सीन को लेकर कई तरह के भ्रम भी बने हुए हैं। खुद वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने वैक्सीनेशन के बाद उसके छोटे मोटे दुष्प्रभाव की बात को स्वीकारा है।