नाइट कर्फ्यू से क्या कोरोना भागेगा? दिल्ली में 30 अप्रैल तक लगाई गई पाबंदी
1 min readकोरोना का कहर जारी है। दिल्ली सरकार ने आने वाली 30 अप्रैल तक रात को 10:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक नाइट कर्फ्यू (night curfew) लगा दिया है।
जाहिर सी बात है कि कोरोना (corona) के लगातार बढ़ते केसों के मद्देनजर दिल्ली सरकार (delhi government) की ओर से यह फैसला किया गया है।
दिन में भी लोगों से मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग (social distancing) बरतने की अपील की जा रही है।
लेकिन राज्य में नाइट कर्फ्यू (night curfew) लगाने से कोरोना के केसों में कमी किस तरह से आएगी, यह किसी को समझ नहीं आ रहा है।
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लोगों का सवाल है कि क्या कोरोना लोगों को रात में अपना शिकार बना रहा है, जिसकी वजह से नाइट कर्फ्यू लगाया जा रहा है?
औरंगाबाद के एक सेशन जज ने अधिकारियों के नाइट कर्फ्यू लगाने के फैसले को कुछ समय पूर्व कठघरे में भी खड़ा किया था।
उन्होंने सवाल उठाया था कि क्या कोरोना की अधिकारियों से सेटिंग है कि वह रात ही के वक्त लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए निकलेगा?
कोरोना को लेकर सावधानी की जरूरत जरूर है, इस बात से किसी को इंकार नहीं, लेकिन इस तरह के निर्णय से किसी का भी कोई लाभ होने जा रहा है।
ऐसा दिखता है। लग तो यह रहा है कि इस आदेश के नाम पर आम जनता को परेशानी भुगतनी होगी। वे लोग जो देर रात अपने काम से लौटते हैं, 10:00 बजे नाइट कर्फ्यू लागू होने से उन्हें जरूर मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
यदि सरकार कोरोना को फैलने से रोकने की वास्तविकता में इच्छुक है तो उसे खुद भीड़ जुटाने वाले कार्यक्रम नहीं करने चाहिए। सरकारी के साथ ही ऐसे हर तरह के कार्यक्रम पर वह रोक लगाए।
केवल नाइट कर्फ्यू (night curfew) के नाम पर खानापूर्ति करने से कोरोना से जुड़ी किसी तरह की कोई मुश्किल हल नहीं होने जा रही है।