आग का कहर, यमकेश्वर ब्लाक के काटल तोक में गाय और बैल की जलकर मौत
1 min readउत्तराखंड के जंगलों मे इन दिनों आग (forest fire) का कहर जारी है। गांव के गांव और जंगल के जंगल इस भयंकर आग की चपेट में हैं।
जंगल की आग (forest fire) की वजह से वन्य जीवों के साथ ही पालतू मवेशियों और ग्रामीणों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
उत्तराखंड (uttarakhand) की राजधानी देहरादून (dehradun) की सीमा से लगते सबसे नजदीकी पहाड़ी ब्लाक (block) एवं विधान सभा यमकेश्वर (yamkeshwar) के जंगलों में वन संपदा अग्नि कांड की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हैं।
जंगलों से लगातार धुआं उठ रहा है।समाज सेवी, पूर्व सैनिक और लगातार क्षेत्र की जन समस्याओं को उजागर करने वाले क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट ने इस गंभीर मामले को उठाया है।
उन्होंने बताया कि यमकेश्वर ब्लाक के अंतर्गत ढांगु पट्टी की ग्राम सभा जोग्यांणा के काटल तोक मे हरपाल सिंह पुत्र स्वर्गीय रघुवीर सिंह की गौशाला आग की लपटों में जल कर खाक हो गई।
इससे गौशाला के अंदर बंधी एक गाय और एक बैल जलकर राख हो गए। जबकि दूसरा बैल किसी तरह खूंटा उखाड़ कर जान बचाने मे सफल रहा।
इस हृदय विदारक घटना से हरपाल सिंह सहित समस्त ग्रामीण अत्यधिक व्यथित हैं। सुदेश भट्ट के अनुसार इतनी बड़ी घटना के बाद भी शासन-प्रशासन या विभाग की ओर से पीड़ित परिवार के प्रति ना ही कोई सहानुभूति दर्ज की गई।
ना ही उनका कोई प्रतिनिधि इस घटना का आंकलन करने घटना स्थल पर पहुंचा। इससे ग्रामीणों मे आक्रोश व्याप्त है।
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सुदेश भट्ट के साथ ही अन्य स्थानीय ग्रामीणों ध्यान सिंह बिष्ट, कलम सिंह, मोहन सिंह, प्रेम सिंह, शिव सिंह, श्रुमान सिंह, कल्यांण सिंह, उमेश सिंह, संदीप सिंह, मुकेश सिंह, प्रदीप, सुमित, विरेंद्र सिंह बिष्ट महिमानंद भट्टकोटी ने अग्नि कांड से पीड़ित हरपाल सिंह को हुई क्षति की भरपाई के लिये सरकार से दस लाख की धनराशि उपलब्ध कराने की मांग की है।