फुटबॉल वर्ल्ड कप का वह इकलौता फाइनल, जिसमें कोई टीम गोल नहीं कर सकी…

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17 जुलाई 1994! इसी दिन खेला गया फुटबॉल वर्ल्ड कप (football world cup) का वह इकलौता फाइनल मैच, जिसमें कोई टीम गोल नहीं कर सकी।

जी हां, फीफा (FIFA) यानी फुटबॉल वर्ल्ड कप (football world cup) के इस मुकाबले में तीन बार वर्ल्ड कप जीत चुकी ब्राजील और इटली की टीमें आमने सामने थीं।

90 मिनट का खेल खत्म हो चुका था। दोनों ही टीमों के खिलाड़ी मौके चूक गए थे। उन्हें गोल में तब्दील नहीं कर सके थे।

एक्स्ट्रा टाइम में भी जब गोल नहीं दागा जा सका तो हार-जीत के लिए पेनल्टी शूटआउट का सहारा लिया गया।

कैलिफोर्निया (California) के रोज बाउल स्टेडियम (rose bowl stadium) में यह मुकाबला चल रहा था।

दिन के करीब ढाई बज रहे थे। लगभग 94,000 से ज्यादा दर्शक इस मैच को देखने के लिए अपनी सीटों पर जमे थे।

Football world cup फाइनल मैच के बाद राबर्टो बागियो।
Football world cup फाइनल मैच के बाद राबर्टो बागियो।

हार जीत के फैसले के लिए अब पेनल्टी शूटआउट (penalty shoot out) का सहारा था। ब्राजील के खिलाड़ी तीन गोल कर चुके थे। इटली दो पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल चुकी थी।

अब फुटबॉल इटली के राबर्टो बागियो (robertto bagio) के पास थी। सबकी निगाहें उनके कदमों की ओर थी। उन्होंने स्ट्राइक ली, लेकिन फुटबॉल सीधे बार के पार गई।

मौका इटली (italy) के हाथ से निकल चुका था। राबर्टो बागियो (Robertto bagio) जहां के तहां जड़ हो गए।

लेकिन ब्राजील (Brazil) के खिलाड़ियों में करेंट दौड़ गया। वे मैदान के चक्कर काट रहे थे। पीली जर्सी की चमक ब्राजील के समर्थकों की आंखों में भी नजर आ रही थी।

इस पल ने इटली वालों के दिल तोड़ दिए। वर्ल्ड कप का सुनहरा सपना उनकी आंखों में दम तोड़ गया। इस मैच को देखने के लिए यूएस उप राष्ट्रपति अल गोर भी पहुंचे थे।

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इधर, वे ब्राजील के कप्तान डुंगा को ट्राफी दें रहे थे, उधर, इटली के राबर्टो बागियो की नजरें फिर से गीली होती जा रही थी। उन्हें सिल्वर बाल अवार्ड मिला था।

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