अशोक गहलोत को जब चुनाव लड़ने के लिए बेचनी पड़ी थी अपनी मोटरसाइकिल
1 min readराजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok gehlot) 3 मई, 2021 को 70 साल के हो गए। 1977 में पहले विधानसभा चुनाव को उन्हें मोटरसाइकिल बेचनी पड़ी थी।
इस चुनाव में वह राजस्थान (Rajasthan) की सरदारपुरा (sardarpura) सीट से खड़े हुए थे। लेकिन उन्हें जनता पार्टी (janta party) के माधव सिंह (madhav Singh) ने हराया था।
इसके बाद भी उन्होंने हौसला नहीं हारा और 1980 में जोधपुर (jodhpur) सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा। इसमें उन्हें जीत हासिल हुई।
आपको बता दें कि अशोक गहलोत (Ashok gehlot) के पिता एक जादूगर थे। वे जगह-जगह यात्रा कर बच्चों को जादू का खेल दिखाया करते थे। जादू की ट्रिक्स सिखाया करते थे।
अशोक गहलोत से पहले उनके परिवार में किसी का भी राजनीति से कोई नाता नहीं था। अशोक गहलोत पहले ऐसे व्यक्ति थे जिनकी राजनीति में दिलचस्पी पैदा हुई।
1971 में वे एक बांग्लादेशी शरणार्थी शिविर में लोगों की मदद कर रहे थे। वहां इंदिरा गांधी की नजर उन पर पड़ी।
वे उनकी सांगठनिक क्षमता से बेहद प्रभावित हुईं। उन्हें भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन यानी एनएसयूआई (NSUI) का पहला state president नियुक्त किया गया।
इसके बाद से अशोक गहलोत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए। वे केंद्र में मंत्री रहे तो साथ ही राजस्थान में भी सत्ता के शीर्ष पर रहे।
कुछ मौकों पर उन्हें सत्ता से बाहर भी होना पड़ा, लेकिन वे उतनी ही मजबूरी से वापस भी आए।
इस वक्त वे राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं। कुछ समय पहले सियासत में सचिन पायलट की वजह से उठे तूफान को उन्होंने जिस तरह शांत किया, वह उनकी राजनीति के कौशल का एक नमूना भर है।
आपको बता दें कि अशोक गहलोत महात्मा गांधी के विचारों के प्रशंसक हैं और उनका अनुसरण करने की भी कोशिश करते हैं।
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कहा जाता है कि वे हर रोज सूरज डूबने से पहले भोजन कर लेते हैं। इसके साथ ही वे सात्त्विक आहार को प्राथमिकता देते हैं।