भगत जी, पहले थोड़ी चिंता जिंदा लोगों की भी हो जाए, श्मशान तो देखा जाएगा
1 min readउत्तराखंड के शहरी आवास विकास मंत्री बंशीधर भगत (banshidhar bhagat) श्मशान संबंधी अपने एक बयान से आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं।
उन्होंने 5 मई, 2021 को सभी स्थानीय निकायों को उनके क्षेत्रों में श्मशान घाट (cremation ground) में व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने श्मशान घाट में सफाई और सैनिटाइजेशन (sanitization) की व्यवस्था करने के लिए भी कहा था।
साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्र के श्मशान घाट पर किए जा रहे अंतिम संस्कार (funeral) की व्यवस्थाओं पर पूरा ध्यान दें।
उन्होंने इन स्थानों पर पीने के पानी और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही इन स्थानों पर सफाई का विशेष ध्यान रखा जाने और सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था किए जाने की बात कही थी।
खुले में पड़ी भी पीपीई किट (PPE kit) सहित अन्य व्यर्थ सामग्री से संक्रमण की आशंका को देखते हुए उन्हें वहां से तत्काल हटाए जाने को कहा था।
साथ ही उन्होंने सभी जिलों के डीएम से अपने जिलों में नजर रखने और इन व्यवस्थाओं में कमी दिखने पर उन्हें दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने को कहा था।
लोगों ने उनके इन निर्देशों पर सवाल उठाए हैं। उनके श्मशान घाट से जुड़े निर्देशों को लोग सोशल मीडिया पर साझा करते रहे।
उत्तराखंड (uttarakhand) में लगातार बढ़ रहे कोरोना (corona) संक्रमण के मामलों और मौतों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा-भगत जी, पहले थोड़ी चिंता जिंदा लोगों की भी कर ली जाए।
एक ओर कोरोना की रफ्तार बेकाबू है, उस पर बंशीधर भगत (banshidhar bhagat) के बजाय अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाओं पर फोकस के श्मशान की व्यवस्था को चाक चौबंद करने की बात राज्य वासियों को खल रही है।
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ऐसा होना लाजिमी भी है। आक्सीजन की किल्लत है। रेमडिसिविर जैसे इंजेक्शन की काला बाजारी हो रही है।
सरकार के पास इस पर रोक का कोई प्रापर प्लान भी नहीं। ऐसे में इस तरह के बयान कोढ़ में खाज जैसी स्थिति पैदा कर रहे हैं।