Black market : दो मिनट का मौन इन लोगों के लिए भी रखिए, इनकी आत्मा मर चुकी है
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एक तरफ कोरोना प्रदेशवासियों पर कहर बनकर टूट रहा है, वहीं दूसरे लोग ब्लैक मार्केटिंग (black marketing) कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
गिरी हुई मानसिकता के ये लोग न केवल जीवन रक्षक रेमडिसिवर इंजेक्शन, बल्कि बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन और बेड तक की कालाबाजारी पर उतरे हुए हैं।
शिकायतों पर पुलिस ने अपनी कार्रवाई की है, लेकिन मामला संभलता दिख नहीं रहा है। नकली इंजेक्शन और दवाएं बाजार में बेचने वाले सक्रिय हो गए हैं।
आलम तो यह है कि खुद पुलिस अधिकारी तक को नकली इंजेक्शन बेच दिए गए। ऐसा मामला रुड़की में सामने आ चुका है।
आंकड़ों की बात करें तो आपको बता दें कि पुलिस अब तक ब्लैक मार्केटिंग को लेकर 787 जगह छापे मार चुकी है और 15 मुकदमे दर्ज किए हैं। कुल 25 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
खुद उत्तराखंड (uttarakhand) के डीजीपी अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar) ने महामारी के वक्त दवा ऑक्सीजन अस्पताल और बेड सहित अन्य सेवाओं की कालाबाजारी (black marketing) पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (national security act) यानी एनएसए (NSA) के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इसे रोकने के लिए उत्तराखंड में 158 टीमों को लगाया गया है, जबकि इनके साथ एसटीएफ (STF) यानी स्पेशल टास्क फोर्स (special task force) की भी 10 टीमें लगाई गई हैं।
लेकिन इन पर अभी पूरी तरह शिकंजा नहीं कसा जा चुका है। परेशान हाल मरीजों के परिजन ध्वस्त हो चुके सिस्टम के आगे बेहाल हैं।
![Black market करने वाले चारों ओर से लूट रहे।](https://khaskhabar24.com/wp-content/uploads/2021/05/Screenshot_2021-05-08-07-39-56-06.png)
वे कह रहे हैं कि दो मिनट का मौन इन कालाबाजारी करने वालों के लिए भी रख लिया जाए, क्योंकि इनकी आत्मा मर चुकी है।
सोशल मीडिया भी इन दिनों आक्सीजन, इंजेक्शन और बेड की तंगहाली भुगत रहे मरीजों के परिजनों की गुहार से भरा हुआ है।
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बहुत से मददगार भी इस माध्यम से आगे हैं तो वहीं धोखाधड़ी करने वाले भी। किसी से दवाओं के लिए हजारों हड़प लिए गए तो किसी को अन्य तरीके से धोखा दे दिया गया।
ऐसे में जुबान पर सिर्फ यही बात आती है। दो मिनट का मौन इनके लिए जरूरी है, क्योंकि इनकी आत्मा मर चुकी है।