देहरादून में क्रिसमस और नए साल पर किसी भी तरह की पार्टी, जश्न या सामूहिक कार्यक्रम पर रोक

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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून (dehradun) में क्रिसमस और नए साल पर किसी भी तरह की पार्टी, जश्न या सामूहिक कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई है।

जिला प्रशासन ने कोरोना के लगातार बढ़ते असर को देखते हुए यह आदेश जारी किए हैं। आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी जारी की गई है।

देहरादून (dehradun), मसूरी (mussoorie) और ऋषिकेश (rishikesh) में क्रिसमस (Christmas) और नया साल (new year) धूमधाम से मनाया जाता है। खास तौर पर बाजार सजते हैं और लोग पार्टियां करते हैं। कई तरह के आयोजन किए जाते हैं।

लेकिन इस बार इन जगहों पर सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी तरह का भीड़ जुटाऊ कार्यक्रम नहीं हो सकेगा।

25 दिसंबर, 31 दिसंबर और एक जनवरी को जश्न नहीं मनाया जा सकेगा। जिला प्रशासन की ओर से साफ किया गया है कि इन तीन दिनों में ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकेगा जिस में सामूहिक रूप से लोगों की सहभागिता हो।

आपको बता दें कि पिछ्ले कुछ समय से कोरोना का वार और पैना हुआ है। मरीजों की संख्या बढ़ी है और मौत भी लगातार हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए एहतियातन यह कदम उठाया गया है।

उधर होटल, रेस्टोरेंट वाले इस आदेश के बाद से परेशान हैं। कई पार्टियों के लिए वह बुकिंग कर चुके हैं और एडवांस में भुगतान ले चुके हैं। वह व्यवसाय पर असर का रोना रो रहे हैं।

उघर कुछ होटल व्यवसायियों ने यह सवाल उठाया है कि जब राजनीतिक रैलियां होती हैं और भीड़ जुटती है तब इन पर रोक के लिए कोई आदेश जारी नहीं होता।

उनका सवाल है कि क्या रैलियों से कोरोना नहीं फैलता? यह केवल जश्न मनाने से ही फैलता है?

उनका कहना है कि पहले रैलियों पर रोक लगनी चाहिए। इसके बाद बाकी लोगों के लिए आदेश जारी होना चाहिए।

कुछ का यह भी कहना है कि मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोग एकत्र होकर पार्टी करना चाहते हैं तो इस पर रोक क्यों?

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