डोबरा-चांठी पुल आवाजाही के लिए खुला, 14 साल में बनकर तैयार हुआ

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देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज डोबरा-चांठी (dobra-chanthi) पुल शुरू हो गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (CM) त्रिवेंद्र सिंह ने यह पुल जनता को समर्पित किया।

उत्तराखंड के 21वें स्थापना दिवस पर नई टिहरी में एक कार्यक्रम किया गया था, जिसमें प्रताप नगर की जनता को यह तोहफा मिला।

बता दें कि यह डोबरा-चांठी (dobra-chanthi) पुल 3 अरब की लागत से 14 साल में बनकर तैयार हुआ।

सन 2006 में टिहरी बांध की T-2 टनल बंद होने के बाद प्रतापनगर को यहां से जोड़ने के लिए डोबरा चांठी पुल के निर्माण की कवायद शुरू हुई थी।

लेकिन 2010 में पुल का डिजाइन फेल हो गया। 2016 में उस वक्त की कांग्रेस सरकार ने पुल निर्माण के लिए इंटरनेशनल टेंडर मंगाए।

इसके बाद कोरियन कंसल्टेंट कंपनी योसीन  कॉरपोरेशन की देखरेख में पुल निर्माण का कार्य फिर से शुरू हो गया।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर सीएम पुल निर्माण में तेजी लाने के लिए 88 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की थी।

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 8 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पुल जनता को समर्पित किया। इसके बाद इस पुल पर से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई।

इस पुल के बनने से टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर और उत्तरकाशी की गाजणापट्टी के लोगों को खास तौर पर सुविधा होगी। उनकी जिला मुख्यालय तक की आधी दूरी कम हो जाएगी।

आपको बता दें कि इस पुल को लेकर बरसों से राज्य में सियासत चल रही थी। साथ ही, प्रतापनगर क्षेत्र के लोगों का आंदोलन भी।

वहां के लोगों का सरकारों पर उपेक्षा और बांध प्रभावित इलाकों के लोगों की सुध न लेने का आरोप था।

आखिर 14 साल बाद पुल निर्माण पूरा हुआ और इसके लोकार्पण की राह देखी जाने लगी। अंततः इसे राज्य स्थापना दिवस पर जनता को समर्पित किए जाने का फैसला किया गया। इसके लोकार्पण कार्यक्रम में प्रतापनगर से बड़ी संख्या में लोग शिरकत करने पहुंचे।

 

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