जानकी सेतु से भी गंगा पार कर सकेंगे सैलानी, पुल हुआ तैयार, लोकार्पण कल

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यदि आप सैलानी हैं और बार बार ऋषिकेश आना पसंद करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर। जानकी सेतु (janki-setu) तैयार है। कल से आवाजाही के लिए खुल जाएगा।

गंगा नदी के ऊपर बना यह 346 मीटर जानकी सेतु (janki-setu) टिहरी जिले के मुनि की रेती को पौड़ी जिले के स्वर्गाश्रम क्षेत्र से जोड़ता है।

लोनिवि के अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ खान ने बताया कि जानकी सेतु से केवल दुपहिया वाहन या पैदल गुजर सकते हैं। सेतु पर तीन लेन बनाई गई हैं।

इनमें से एक लेन आने, एक लेन जाने और एक लेन दुपहिया और ठेली के लिए बनाई गई है।

उन्होंने बताया कि विभाग की तैयारी 10 अक्टूबर को लोकार्पण की है। नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पुल का तोहफा जनता को मिलेगा।

पुल के रंग रोगन सहित सभी कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। लोकार्पण के बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

इसी के मद्देनजर क्षेत्रीय विधायक व कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ जानकी सेतु का मौका मुआयना कर दिशा निर्देश भी दिए।

बता दें कि पुल का निर्माण 30 मार्च 2013 को शुरू हुआ था। सात साल में लंबे उतार-चढ़ाव देखने के बाद अब इस पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया है।

लोनिवि के अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ खान को शिलान्यास पट और लोकार्पण पट के लिए संभावित स्थल के चयन के निर्देश दिए गए हैं।

पुल निर्माण के बाद अब नीलकंठ और बीटल्स आश्रम जाने वाले श्रद्धालुओं और सैलानियों के साथ ही स्थानीय कारोबारियों को भी सुविधा होगी।

बता दें कि इससे पूर्व कांवड़ यात्रा के दौरान लक्ष्मणझूला पुल पर आवाजाही को खतरनाक करार देकर उसे बंद कर दिया गया था। केवल रामझूला से आवाजाही कराई गई थी। स्थानीय कारोबारियों को भी आने जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था।

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