इंजीनियरिंग करने के लिए अब मैथ्स और फिजिक्स पढ़ने की जरूरत नहीं
1 min readयदि आप की ख्वाहिश इंजीनियरिंग (engineering) करने की है और आपके पास मैथ्स, फिजिक्स नहीं तो भी चिंता न करें। अब इसकी जरूरत नहीं।
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन यानी एआईसीटीई (AICTE) ने इंजीनियरिंग (engineering) की पढ़ाई को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है।
इस बड़े फैसले के मुताबिक अब बीई (BE) या बीटेक (Btech) कोर्स (course) करने के लिए 12वीं क्लास तक मैथ्स (maths) और फिजिक्स (physics) लेना कतई अनिवार्य नहीं है।
आपको बता दें कि यह व्यवस्था सत्र 2021-22 से शुरू होगी। अभी तक की व्यवस्था के मुताबिक इंजीनियरिंग (engineering) और टेक्नोलॉजी (technology) के अंडरग्रेजुएट कोर्सेज (undergraduate courses) में एडमिशन (admission) लेने के लिए बारहवीं परीक्षा के लेवल तक मैथ्स और फिजिक्स विषय होना अनिवार्य था।
लेकिन अब एआईसीटीई (AICTE) के इस फैसले से स्टूडेंट्स (students) को फिजिक्स, मैथ्स, केमिस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, बायोलॉजी, इंफोर्मेटिक प्रैक्टिस, बायोटेक्नोलॉजी, टेक्निकल वोकेशनल सब्जेक्ट, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज में से कोई तीन विषय पास करने जरूरी होंगे।
आपको बता दें कि यह निर्णय विविध पृष्ठभूमि यानी अलग अलग बैकग्राउंड (background) से इंजीनियरिंग के अध्ययन के लिए आने वाले छात्रों को राहत देने के लिए लिया गया है।
उम्मीदवार (applicant) को इन विषयों में 45 फीसदी मार्क्स, जबकि आरक्षित वर्ग (reserve category) के उम्मीदवारों को 40 फीसदी अंक लाना अनिवार्य होगा।
यह बातें एआईसीटीई की हैंडबुक में लिखी हैं। इस फैसले से उन सभी छात्र छात्राओं के चेहरे पर मुस्कान खिल गई है, जो इंजीनियरिंग का कोर्स कर इंजीनियर तो बनना चाहते थे लेकिन मैथ्स फिजिक्स में उनकी रुचि नहीं थी।
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इसके साथ ही अन्य विषयों में रूचि रखने वाले छात्रों को भी अब इंजीनियरिंग का मौका मिलेगा यह बात एक बड़े वर्ग को राहत देगी।
आपको बता दें कि अभी तक भारत में शिक्षा का एक सेट पैटर्न (pattern) रहा है और अब एआईसीटीई के इस निर्णय से उसमें बदलाव की कोशिश साफ साफ देखी जा सकती है।