Flying Sikh मिल्खा सिंह के रूप में फील्ड एंड ट्रैक का एक सितारा अस्त
1 min readकोरोना ने कई बड़े सितारे इस दुनिया से छीन लिए। 18 जून, 2021 को एक और सितारा अस्त हो गया। फ्लाइंग सिख (Flying Sikh) मिल्खा सिंह (milkha Singh) नहीं रहे।
एशियाई खेलों (Asian games) में चार बार गोल्ड मेडल जीतकर रिकॉर्ड कायम करने वाले फ्लाइंग सिख (flying Sikh) मिल्खा सिंह भारत के सबसे सफल एथलीट्स में से एक थे।
आपको बता दें कि आज से करीब 62 साल पहले सन् 1958 में इंग्लैंड (England) में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स (common wealth games) में मिल्खा ने 400 मीटर दौड़ में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता।
इन खेलों में उन्होंने भारत की तरफ से पहला व्यक्तिगत गोल्ड (individual gold) मेडल हासिल किया।
यह रिकॉर्ड करीब पांच दशक तक नहीं टूट सका। इसी साल हुए एशियाई खेलों में भी मिल्खा सिंह ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस बार उन्होंने दो गोल्ड मेडल हासिल किए।
जापान (Japan) में हुए इन खेलों में उन्होंने 200 मीटर और 400 मीटर का गोल्ड अपनी झोली में डाला।
इसके 4 साल बाद जकार्ता में हुए एशियाई खेलों में मिल्खा सिंह ने 200 मीटर की रेस का गोल्ड अपने नाम किया।
इसके साथ ही उन्होंने 400 मीटर की रिले रेस का गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया। उन्होंने रोम ओलंपिक (Rome Olympics) में बेहद मामूली अंतर से कांस्य गंंवा दिया, जिसका उन्हें हमेशा अफसोस रहा।
इसमें वे 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया।
जब भी कोई मिल्खा सिंह से मिलता, इस कसक का जिक्र हमेशा होता। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा भी था-
‘मेरी आदत थी कि मैं हर दौड़ में एक दफा पीछे मुड़कर देखता था। रोम ओलंपिक में मैंने जबरदस्त ढंग से शुरुआत की। हालांकि, मैंने एक दफा आदतन पीछे मुड़कर देख लिया और शायद यहीं मैं चूक गया।’
आपको बता दें कि रह दौड़ मिल्खा सिंह ने 45.5 सेकंड में पूरी की, जबकि कांस्य पदक विजेता का समय 45.5 सेकंड था। साल 1959 में उन्हें बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पद्मश्री अवॉर्ड दी गई।
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फिल्म अभिनेता और निर्देशक फरहान अख्तर (Farhan akhtar) ने मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित एक फिल्म भी बनाई-भाग मित्खा भाग, जो हिट रही।
वे अपनी पत्नी निर्मल (Nirmal) कौर संग चंडीगढ़ में रह रहे थे। कुछ ही दिन पहले कोरोना की वजह से उनकी पत्नी का भी देहांत हो गया था।
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