हेमकुंड साहिब : जानिए गुरु गोबिंद सिंह के साथ क्या है उत्तराखंड के इस पवित्र तीर्थ का नाता
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उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित तीर्थ हेमकुंड (hemkund) साहिब की यात्रा 10 मई, 2021 से शुरू हो जाएगी। 8 मई को पहला जत्था रवाना होगा।
आज हम आपको गुरुद्वारे की स्थापना के संबंध में जानकारी देंगे। आपको बता दें कि सिख धर्म का ये पवित्र स्थल करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर है।
साल में करीब आठ महीने ये स्थल बर्फ से ढका होने की वजह से श्रद्धालुओं के लिए बंद ही रहता है।हेमकुंड साहिब के पास ही एक बड़ा तालाब भी है।
मान्यता है कि हेमकुंड (hemkund) साहिब में सिखों के दसवें गुरु गुरुगोबिंद सिंह ने करीब 20 वर्षों तक कठोर तप किया था।
बताया जाता है कि जिस जगह उन्होंने तप किया था, वहीं ये गुरुद्वारा स्थित है। गुरुद्वारे के साथ ही एक पवित्र सरोवर भी है, जिसे हेम सरोवर (hem sarovar) पुकारा जाता है।
गुरुद्वारे में मत्था टेकने से पहले सिख श्रद्धालु इस पवित्र सरोवर में स्नान भी करते हैं। पास ही में भगवान लक्ष्मण (lord luxman) का भी एक मंदिर है।
कहते हैं गुरुगोबिंद सिंह (guru gobind singh) ने भी इस मंदिर में पूजा की थी। बताया जाता है कि गुरु गोबिंद सिंह के आने से पहले इस स्थान को लोकपाल (lokpal) कहा जाता था।
वहीं, लक्ष्मण जी के मंदिर के बारे में मान्यता है कि श्रीराम के भाई लक्ष्मण का पिछला अवतार शेषनाग था।
शेषनाग लोकपाल झील में तप करते थे और विष्णु भगवान उनकी पीठ पर विश्राम करते थे। लोकपाल झील की ही वजह से इस स्थल को लोकपाल पुकारा जाता था।
आमतौर पर अक्टूबर तक हेमकुंड साहिब श्रद्धालुओं के खुला रहता है। इस समय में यहां का अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान -4 डिग्री तक रहता है।
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अगस्त के बाद यहां भी बारिश शुरू हो जाती है। अभी यहां बर्फ जमी है। 10 मई से यात्रा की शुरुआत को देखते हुए बीआरओ (bro) के जवान भी रास्ते से बर्फ हटाने के लिए रवाना हो गए हैं।