Hima das : फुटबॉल छोड़ दौड़ना शुरू किया, ट्रैक इवेंट में गोल्ड पाने वाली पहली भारतीय बनी

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हिमा दास (hima das) जिन्हें ढिंग एक्सप्रेस भी पुकारा जाता है, 9 जनवरी, 2021 को 21 साल की हो गईं। क्या आप जानते हैं कि वह पहले फुटबॉल खेला करती थीं?

जी हां, इतना ही नहीं। ढिंग पब्लिक हाई स्कूल में पढ़ते वक्त हिमा दास (hima das) एक फुटबॉलर बनने के ही सपने देखा करती थीं।

वह स्कूल में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थीं। लेकिन जल्द ही उन्हें समझ में आ गया कि इसमें कोई स्कोप (scope) नहीं है।

स्कूल में फिजिकल एजुकेशन के एक टीचर की सलाह पर उन्होंने दौड़ना शुरू किया, जो उनके लिए जिंदगी बदलने वाला फैसला था।

उन्हें आईएएएफ (IAAF) वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप में ट्रैक इवेंट का गोल्ड मेडल हासिल हुआ। यह मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय धाविका बन गई।

इसके बाद उनका नाम ढिंग एक्सप्रेस (dhing express) पड़ गया। ढिंग उस कस्बे का नाम है, जहां उनका जन्म हुआ।

आपको बता दें कि उनके नाम 400 मीटर में 50.79 सेकंड का नेशनल रिकॉर्ड (national record) भी है।

 

हिमा दास का जन्म 9 जनवरी सन 2000 में असम (Assam) के ढिंग कस्बे के पास कांधुलीमारी (kandhulimari) गांव में हुआ।

उनके पिता रंजीत दास (ranjit das) पेशे से किसान हैं, जबकि उनकी मां का नाम जोनाली दास (jonali das) है।

हिमा को उनकी उपलब्धियों के लिए आज से करीब तीन साल पहले 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (ramnath kovind) ने अर्जुन अवार्ड (arjun award) से सम्मानित किया।

Hima das राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अर्जुन अवार्ड लेते हुए। (फाइल फोटो)
Hima das राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अर्जुन अवार्ड लेते हुए। (फाइल फोटो)

एक इंटरव्यू में उन्होंने स्वीकार किया कि वे दौड़ का अभ्यास नंगे पैर किया करती थीं। उन्होंने अपनी मेधा से सभी को चौंका दिया।

आपको बता दें कि पिछले साल मई में ही 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास की है। 2020 में उन्हें पीठ से जुड़ी एक समस्या के चलते एक इंटरनेशनल इवेंट से हटना भी पड़ा।

लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं। हिमा ने अभी केवल 21 साल पूरे किए हैं। भविष्य में देश को उनसे बहुत उम्मीदें हैं।

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