माधव सिंह सोलंकी नहीं रहे, चार बार गुजरात के सीएम बने, ‘खम’ फार्मूला दिया
1 min readचार बार गुजरात (Gujrat) के मुख्यमंत्री रहे माधव सिंह सोलंकी (madhav sinh solanki) नहीं रहे। 9 जनवरी, 2021 को गांधीनगर में उन्होंने अंतिम सांस ली।
वह 93 साल के थे। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता माधव सिंह सोलंकी (madhav sinh solanki) नींद में ही चल बसे। वह राज्यसभा सांसद के अलावा एक बार 1991-1992 में केंद्र सरकार में विदेशी मामलों के मंत्री (minister of external affairs) भी रहे।
उन्हें गुजरात में खम (KHAM) फार्मूले के लिए भी जाना जाता है। इसका अर्थ था क्षत्रिय (K), हरिजन (H), आदिवासी (A) और मुस्लिम (M) जातियों का समर्थन।
इसी फार्मूले की बदौलत गुजरात में उन्हें सत्ता हासिल की। आपको बता दें कि उन्होंने गुजरात में सामाजिक और आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू कर दिया था।
इसका राज्य भर में घोर विरोध हुआ। लोगों ने आरक्षण के विरोध प्रदर्शन किए। जल्द ही इन विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया।
गुजरात में दंगे (riots) भड़क उठे। इसमें सैकड़ों लोग मारे गए। ऐसे में 1985 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद दोबारा चुनाव हुए और वह 182 में से 149 सीटों पर जीत हासिल करके फिर से सत्ता में लौटे।
उनके खम फार्मूले के आगे गुजरात में चुनाव में अन्य जातियों का प्रभाव बेहद कम रह गया।
आपको बता दें कि माधव सिंह सोलंकी का जन्म गुजरात में 1927 में हुआ था। वह काफी समय से गुजरात के गांधीनगर में ही रह रहे थे। करीब तीन साल पहले उन्हें एक सार्वजनिक कार्यक्रम में देखा गया था।
माधव सिंह सोलंकी के निधन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) ने भी शोक जताया है।
इसके साथ ही गुजरात के मुख्ययमंत्री विजय रुपाणी (Vijay rupani) ने भी माधव सिंह सोलंकी के निधन पर राज्य में एक दिन के सरकारी शोक की घोषणा की है।
गुजरात कांग्रेस (Gujrat congress) की ओर से भी माधव सिंह सोलंकी के निधन पर शोक जताया गया है। आपको बता दें कि माधव सिंह सोलंकी के पुत्र भरत माधव सिंह सोलंकी भी राजनीति में हैं।