सईद जाफरी : मसूरी में पढ़ते हुए पैदा हुई एक्टिंग में रुचि, 250 रुपए की थी पहली नौकरी

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सईद जाफरी (Saeed jaffery) की 8 जनवरी, 2021 को 91वीं जयंती है। मसूरी (mussoorie) में पढ़ते हुए उनके भीतर एक्टिंग में दिलचस्पी पैदा हुई थी।

सईद जाफरी (sared jaffery) ने 1941 में उत्तराखंड (uttarakhand) की पहाड़ों की रानी कही जाने वाली मसूरी में वाइन बर्ग एलन स्कूल में प्रवेश लिया। और उसके बाद वे सेंट जार्ज कालेज में पढ़े।

उन दिनों वह कालेज में हो रहे नाटकों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। इसके बाद वह वहां इंग्लिश फिल्मों के नाइट शो (night show) देखा करते थे।

Saeed jaffery सत्यजीत रे की फिल्म शतरंज के एक दृश्य में
Saeed jaffery सत्यजीत रे की फिल्म शतरंज के एक दृश्य में

उन्होंने 1948 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए और 1950 में एमए में दाखिला लिया। वह अच्छे कार्टूनिस्ट भी थे। इसके चलते वे 1951 में दिल्ली शिफ्ट हो गए।

यहां उन्हें आल इंडिया रेडियो (all India radio) की external service में पहली नौकरी 250 रुपए की मिली।

दिल्ली में उनका कोई परिचित और रहने खाने का ठिकाना नहीं था, ऐसे में उन्हें अपनी रात आफिस बिल्डिंग के सामने बैंच पर बितानी पड़ी।

बाद में उन्हें वाईएमसीए (YMCA) में 30 रुपए माहवार पर कमरा मिला। आपको बता दें कि 8 जनवरी, 2021 को सईद जाफरी की 91वी जयंती है।

सईद जाफरी का जन्म पंजाब (Punjab) के मलेरकोटला (malerkotla) में हुआ था। वे एक पंजाबी मुस्लिम परिवार में जन्मे थे।

उनके पिता फिजिशियन (physician) थे। लिहाजा, जगह-जगह उनका ट्रांसफर (Transfer) होता रहता था।

और इस वजह से सईद जाफरी ने भी कई शहर देखे। जिनमें मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, मसूरी जैसे शहर शामिल थे।

इसी वजह से उनकी पढ़ाई लिखाई भी अलग-अलग जगह होती रही। आपको बता दें कि सईद जाफरी का रेडियो डिस्क जाकी  मधुर से प्रेम हो गया।

वह उनसे शादी करना चाहते थे। ये वो समय था, जब सईद ऑल इंडिया रेडियो की एक्सटर्नल सर्विस में आ चुके थे।

1956 में उन्होंने मधुर से शादी करने के लिए उनके पिता के सामने प्रस्ताव रखा तो उन्होंने उनके आर्थिक हालात का हवाला देते हुए ऐसा करने से इंकार कर दिया।

इसके कुछ समय पश्चात वे लंदन चले गए। 1958 में उन्होंने मधुर से शादी की, लेकिन उनकी शादी केवल आठ बरस चली। 1966 में उनका तलाक हो गया।

इसके बाद 1981 में उन्होंने जैनिफर से शादी की। वह ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने ब्रिटिश अमेरिकन फिल्मों में भी काम किया।

उन्हें आर्डर आफ ब्रिटिश अंपायर (OBE) सम्मान भी दिया गया।  हिंदी में उनकी पहली फिल्म सत्यजीत रे की शतरंज थी। यह 1977 में आई थी।

इसके बाद चश्मेबद्दूर में पान वाले के किरदार ने उन्हें मशहूर कर दिया। इंडस्ट्री के सबसे बड़े शोमैन राजकपूर ने उन्हें राम तेरी गंगा मैली और हिना में रोल दिए।

सईद जाफरी (Saeed jaffery) हिंदी में भी लोकप्रिय अभिनेता रहे। 2015 में लंदन (London) में ही उन्होंने अंतिम सांस ली।

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