महाशिवरात्रि पर पाकिस्तान के इन शिवालयों में होती है भगवान शिव की विशेष पूजा

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महाशिवरात्रि (mahashivratri) पर भगवान शिव की विशेष पूजा होती है। आज आपको पाकिस्तान के शिवालयों के बारे में बताएंगे, जहां शिवरात्रि पर भक्त जुटते हैं।

हिंदू भक्त अपने आराध्य की पूजा और उन्हें जलार्पण करने के लिए पहुंचते हैं। इन मंदिरों में महाशिवरात्रि पर भक्तों की अपार भीड़ जुटती है…

रत्नेश्वर महादेव, कराची

सबसे पहले बात रत्नेश्वर महादेव (ratneshwar mahadev) की। आपको बता दें कि पाकिस्तान (Pakistan) का प्रमुख शिव मंदिर है। यह कराची (Karachi) शहर में स्थित है। यह मंदिर करीब 150 साल पुराना बताया जाता है।

Mahashivratri पर पाकिस्तान के रत्नेश्वर महादेव मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ जुटती है।
Mahashivratri पर पाकिस्तान के रत्नेश्वर महादेव मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ जुटती है।

इस शिव मंदिर में शिव जी के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां देखने को मिलती हैं।

कटासराज शिव मंदिर, पंजाब

भगवान शिव का प्रसिद्ध कटासराज शिव मंदिर (katasraj shiv mandir) पाकिस्तान के पंजाब में स्थित है। कहा जाता है है कि जब माता सती हुई थीं उस समय भगवान शिव की आंखों से दो आंसू टपके थे। एक स्थान पर कटास सरोवर अमृत कुंड बन गया। दूसरा आंसू अजमेर (ajmer) में गिरा, जो पुष्करराज कहलाया।  मान्यता है कि यह शिव मंदिर करीब 900 साल पुराना है।

तेजा सिंह शिव मंदिर, उमरकोट

पाकिस्तान के उमरकोट (umarkot) में भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर करीब 1000 साल पुराना शिव मंदिर है। मंदिर का निर्माण 10वीं सदी में हुआ था। तेजा सिंह मंदिर का स्थापत्य और इसकी नक्काशी मंदिर को अलग ही छटा प्रदान करती है।

मनसहेरा शिव मंदिर

पाकिस्तान में यह मनसहेरा (manashera shiv mandir) शिव मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। यह वहां के चित्ती गट्टी इलाके में स्थित है। बताया जाता है कि इस मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है। महाशिवरात्रि (mahashivratri) पर इस मंदिर में भक्तों की लाइन लगी रहती है।

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आपको बता दें कि पाकिस्तान में रहने के बावजूद हिंदू अपने धार्मिक पर्व पूरी श्रद्धा के साथ मनाते हैं। महाशिवरात्रि भी एक ऐसा ही पर्व है, जो भगवान शिव शंकर के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।

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