मणि रत्नम : एमबीए डिग्री हासिल मैनेजमेंट कंसल्टेंट, जिसने बेहतरीन फिल्में इंडस्ट्री को दी
1 min readमणि रत्नम (Mani ratnam) की फिल्मों ने एक अलग ही ऊंचाई को छुआ है। रोजा, बांबे, दिल से जैसी फिल्मों को कौन भूल सकता है? आज वे 64 साल के हो गए।
आपको इस बात का यकीन नहीं होगा कि गोपाल रत्नम सुब्रमण्यम के रूप में पैदा हुए मणि रत्नम (Mani ratnam) की फिल्मों में कोई भी दिलचस्पी नहीं थी।
इसके बावजूद कि उनके पिता वीनस कंपनी के फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर थे और चाचा एक फिल्म प्रोड्यूसर।
मणि रत्नम ने 1977 में जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से फाइनेंस (finance) में एमबीए (MBA) की डिग्री हासिल की।
और इसके बाद वे मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर काम करने लगे। इस दौरान उन्होंने के बालाचंदर की एक फिल्म देखी, जिसने उनमें फिल्मों को लेकर दिलचस्पी पैदा की।
इस बीच थोड़ी कोशिश कर उन्होंने 1983 में कन्नड़ फिल्म (kannada) पल्लवी अनु पल्लवी बनाई।
फिल्म नहीं चली, लेकिन मणि रत्नम फिल्मों में रंगने लगे। 1986 में आई उनकी फिल्म मौन रागम (maun ragam) को जबरदस्त सराहना मिली। इसने उन्हें स्थापित कर दिया।
इसके बाद 1987 में आई नायकन ने उनकी प्रतिष्ठा और बढ़ाई। 90 के दशक में बालीवुड में भी उनका जलवा रहा।
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इस दौरान आतंकवाद पर आधारित उनकी तीन फिल्में लाइन से आई, है जिन्होंने उनको एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया।
यह फिल्में थीं 1992 में आई रोजा (roja), 1995 में आई बांबे (Bombay) और 1998 में आई दिल से (Dil se)। इन फिल्मों ने उन्हें कई अवार्ड भी दिलाए।
इसके अलावा साथिया, युवा, ओके जानू जैसी फिल्मों से भी वह मौजूदगी दर्ज कराते रहे। मणि रत्नम के खाते में 6 नेशनल फिल्म अवॉर्ड, 8 फिल्म फेयर अवॉर्ड और 6 फिल्मफेयर अवार्ड साउथ हैं।
भारत सरकार ने उनकी उपलब्धियों को देखते हुए 2002 में उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा। आपको बता दें कि मणि का जन्म दो जून, 1956 को मदुरै (चेन्नई) में हुआ था।
उन्होंने सुहासिनी से शादी की है और उनका एक पुत्र नंदन मणि रत्नम है। https://khaskhabar24.com जन्मदिन के मुबारक मौके पर उन्हें बधाई देता है।