विडंबना : एनडी तिवारी को छोड़ कोई सीएम उत्तराखंड में पांच साल पूरे नहीं कर सका

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सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कार्यकाल भी पूरा नहीं हो पाया। उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।  एनडी तिवारी (nd tiwari)  को छोड़ कोई सीएम यहां पांच साल नहीं चला।

जी हां, हम हमारे 20 साल के  उत्तराखंड की ही बात कर रहे हैं। आपको बता दें कि एनडी तिवारी (nd tiwari) मार्च, 2002 में कांग्रेस की जीत के साथ उत्तराखंड में बतौर मुख्यमंत्री सत्तासीन हुए थे।

उन्होंने 2007 मार्च तक सरकार चलाई। इससे पहले उत्तरांचल (uttaranchal) राज्य गठन के तुरंत बाद भाजपा आलाकमान ने नित्यानंद स्वामी (nityanand swami) को उत्तरांचल का मुख्यमंत्री बनाया था।

लेकिन लिकर लाबी (liquor lobby) उनके खिलाफ हो गई। और भी कई दबाव उनके ऊपर थे। ऐसे में उन्हें साल भर पूरा करने से पहले ही मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया।

और भाजपा आलाकमान ने नित्यानंद स्वामी कार्यकाल में ऊर्जा मंत्री रहे भगत सिंह कोश्यारी (bhagat Singh koshyari) पर भरोसा जताया।

लेकिन 2002 में राज्य के पहले विधानसभा चुनावों में जो कि भगत सिंह कोश्यारी की ही अगुवाई में लड़ा गया, उसमें भाजपा (BJP) को शिकस्त मिली।

उत्तराखंड की जनता ने कांग्रेस (congress) पर भरोसा जताया और उसे सत्ता की चाबी सौंपी। सरकार के मुखिया नारायण दत्त तिवारी बने।

नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री के रूप में पहले से अनुभवी व्यक्ति थे। कहते हैं कि राज्य में औद्योगिक क्षेत्र में जितना विकास तिवारी कार्यकाल में हुआ, इतना उसके बाद नहीं हुआ।

राज्य के करीब 21 साल के सफर में 11 मुख्यमंत्री रहे। भाजपा की ओर से स्वामी और कोश्यारी के अलावा भुवन चंद्र खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक ने भी सीएम पद संभाला, जबकि कांग्रेस की ओर से हरीश रावत और विजय बहुगुणा भी सीएम बने, लेकिन एनडी को छोड़ किसी के पांच साल पूरे नहीं हुए।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सरकार के चार साल पूरे करने से नौ दिन पहले ही इस्तीफा दे दिया। आपको बता दें कि एडी तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर, 1925 में नैनीताल में हुआ था।

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वह 18 अक्टूबर, 2018 यानी 93 की उम्र तक जिए। इस बीच वह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। वह कुछ समय के लिए आंध्र प्रदेश की राज्यपाल भी रहे।

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