ओपी नय्यर : जब देश के इस बड़े संगीतकार पर लगा बैन, जानें क्या थी वजह

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‘ये देश है वीर जवानों का…’। इस गाने पर कौन नहीं थिरका होगा। इस गीत को धुनों में पिरोने वाले संगीतकार ओपी नय्यर (op nayyar) का आज जन्म दिवस है।

नया दौर जैसी अनेक फिल्मों के लिए जानदार संगीत रचने वाले ओपी नय्यर (op nayyar) आज  होते तो 95 साल के हो गए होते।

लेकिन यह भी सच है कि इस गीत के लिए 1958 का फिल्म फेयर अवार्ड (film fare award) पाने वाले ओपी नय्यर के अधिकांश गीतों पर ऑल इंडिया रेडियो (all India radio) ने 60 के दशक में ‘ट्रेंडी’ कहकर बैन (ban) लगा दिया था।

ये वही संगीतकार हैं, जिन्होंने कभी बॉलीवुड इंडस्ट्री (Bollywood industry) की स्वर कोकिला लता मंगेशकर से नहीं गवाया।

आशा भोंसले (asha bhonsle), गीता दत्त (Geeta dutt), मोहम्मद रफी (Mohammad Rafi) जैसे गायकों ने उनके लिए खूब गाया।

Op nayyar टीवी पर आने वाले एक संगीत आधारित कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए। (फाइल फोटो)
Op nayyar टीवी पर आने वाले एक संगीत आधारित कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए। (फाइल फोटो)

यह बात दीगर है कि जब ‘बहारें फिर भी आएंगी’ फिल्म के दौरान रफी साहब से वह असहमत हुए तो महेंद्र कपूर (Mahendra Kapoor) को मौका दे दिया।

16 जनवरी, 1926 को लाहौर (lahore) (अब पाकिस्तान) में जन्में ओंकार प्रसाद (omkar Prasad) यानी ओपी नय्यर ने 28 जनवरी, 2007 को मुंबई में प्राण त्याग दिए।

वह पहले ऐसे संगीतकार (music director) थे, जिनके गीत कॉमेडियंस पर फिल्माए गए। मसलन, जॉनी वॉकर पर फिल्माए गए ‘जाने कहां मेरा जिगर गया जी..’, ऐ दिल है मुश्किल जीना यहां…’, जाली नोट में ओमप्रकाश पर फिल्माए गए गीत।

‘नया दौर’, ‘फिर वही दिल लाया हूं’, ‘बहारें फिर भी आएंगी’… जैसी फिल्मों के गीत हमेशा उनकी याद दिलाएंगे।

आपको बता दें कि किसी बात पर नाराज़ होकर आशा भोंसले से भी उन्होंने गंवाना बंद कर दिया था। ऐसे में दिलराज कौर (dilraj Kaur), अल्का याग्निक (Alka yagnik), सुचित्रा कृष्णमूर्ति (suchitra krishnamurthi) जैसी गायिकाओं को उन्होंने खूब मौका दिया।

ओपी नय्यर की धुनों में सुनाई देने वाली घोड़े की टापें उनके संगीत की पहचान बन गईं थीं। उनका संगीत हमेशा संगीत प्रेमियों के कानों में गूंजता रहेगा।

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