पंडित भीमसेन जोशी : पहले ऐसे भारतीय शास्त्रीय गायक, जिनके न्यूयॉर्क में पोस्टर चिपके

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पंडित भीमसेन जोशी (pandit bhimsen Joshi) ऐसे पहले भारतीय क्लासिक सिंगर (indian classical singer) थे जिनका न्यूयॉर्क में पोस्टर के जरिए प्रचार हुआ।

उनकी न्यूयॉर्क (New York) में कंसर्ट (concert) थी। आपको बता दें कि उन्हें 1964 में अफगानिस्तान (Afghanistan) के किंग जहीर शाह (king zahir shah) ने भी कंसर्ट के लिए काबुल (kabul) में बुलाया था।

पंडित भीमसेन जोशी की 4 फरवरी को जयंती है। उनका जन्म 4 फरवरी, 1922 को धारवाड़ (dharwad) जिले की रोना तालुका में हुआ था।

यह जिला कर्नाटक में पड़ता है 2011 में उन्होंने जीवन की आखिरी सांस ली। आपको बता दें कि पंडित भीमसेन जोशी को बचपन से ही संगीत में रुचि थी।

उनके पिता गुरु राज राव जोशी एक स्कूल टीचर थे। उनकी माता का जब वे बहुत छोटे थे, तभी देहांत हो गया था। उन्हें उनकी सौतेली मां ने पाला।

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उनके घरवाले उन्हें पुलिस सेवा में भेजना चाहते थे, लेकिन उनकी रुचि संगीत में थी। 19 साल की उम्र में उनका पहला कंसर्ट हुआ।

उन्होंने समय के साथ साथ देश के साथ ही विदेश जैसे-इटली, फ्रांस, अमेरिका समेत कई देशों में प्रस्तुति दी।

पंडित भीमसेन जोशी (pandit bhimsen Joshi) भारत के ऐसे अकेले शास्त्रीय संगीत गायक रहे। रहे जिन्हें पदमश्री, पदमभूषण, पद्म विभूषण के साथ ही सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न (Bharat ratna) की उपाधि से भी नवाजा गया।

इसके अलावा उन्हें संगीत नाटक एकेडमी फैलोशिप (sangeet natak academy fellowship) से भी नवाजा गया।

पंडित भीमसेन जोशी ख्याल (khayal) गायकी के महारथी माने जाते थे। और इसके साथ ही हारमोनियम (harmonium) और तानपुरे पर भी उनकी जबरदस्त पकड़ थी। बचपन में वह कार्यक्रम में साज के साथ जाते थे तो थककर कहीं भी सो जाते थे।

उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत (indian classical music)को ऊंचाई पर पहुंचाया और उसे पूरी दुनिया में लोकप्रिय (popular) बनाने में अहम भूमिका अदा की। पंडित भीमसेन जोशी का संगीत के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान है।

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