Rain : 92 साल पहले एम्सटर्डम की सड़कों पर बारिश और जिंदगी का दस्तावेज

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इन दिनों बिन मौसम बरसात हो रही है तो आइए आज आपको 92  साल पहले की एक शार्ट फिल्म/डाक्यूमेंट्री (short film/documentry) Rain के बारे में बताते हैं।

14 दिसंबर, सन् 1929! जी हां, यही वो साल था, जब Rain का प्रदर्शन किया गया था। जगह थी एम्सटर्डम का फिल्मिगा (filmliga) थिएटर।

डच फिल्म मेकर (dutch film maker) जोरिस इवांस (joris ivens) की इस 12 मिनट की डॉक्यूमेंट्री ने हर किसी को प्रभावित किया।

जोरिस प्रकृति और मानवता के बीच के रिश्तों के अद्भुत चितेरे थे। उन्होंने बारिश को रूफटाप, कार या नदी से किसी भी अन्य तरह के भौतिक संवाद जैसा ही निरूपित किया है।

अब Rain (बरसात) पर आएं। यह मूल रूप से अपने नाम के अनुरूप बारिश और लोगों की इसके प्रति प्रतिक्रिया पर आधारित एक छोटी एक्सपेरिमेंटल डाक्यूमेंट्री (experimental documentry) है।

इसे एम्सटर्डम की व्यस्त सड़कों पर फिल्माया गया, जो अचानक बारिश हो जाने के बाद एकदम अलग नजर आती हैं।

इसके दृश्यों में बारिश के संगीत और छतरियों के बैलेट के बीच इवांस की पोएटिक सेंसिबिलिटी (poetic sensibility) नजर आती है।

यह बारिश के अहसास का सबसे प्रभावी शाब्दिक दस्तावेज भी है, जिसे पर्दे पर उतारा गया है। इससे मैनस फ्रैंकन (mannus franken) भी जुड़े थे।

जोरिस इवांस का जन्म 1898 में हुआ था और वे 1989 तक जीवित रहे। इस बीच उन्होंने 13 शानदार डाक्यूमेंट्री यानी वृत्तचित्र बनाए।

बारिश को आधार बनाकर इसके बाद के सालों में कई फिल्में आईं, लेकिन जो सिंफनी का एहसास आज से 92 साल पुरानी इस डॉक्यूमेंट्री में देखने को मिलता है वह बाद की फिल्मों में देखने को नहीं मिलता।

Rain बारिश और लोगों के उससे जुड़े reactions की एक दिल को बेहद छूने वाली short film थी।

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कुछ बारिश का रंग देखकर खुश थे तो किसी को इससे पैदा होने वाली दिक्कतें सामने दिख रही थीं। लेकिन सबसे अहम इनमें आसमान से गिरती बूंदों और फुहारों का अहसास था।

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