तपोवन परियोजना की टनल में छत से चिपके हुए मिले शव, शोक का आलम

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तपोवन परियोजना (tapovan project) के अंधेरी सुरंग में फंसे लोगों के शव सुरंग (tunnel) की छत पर चिपके हुए मिले। ये शव बुरी तरह फूले हुए थे।

इन शवों (dead bodies) को निकालने में बचाव कर्मियों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी। तपोवन प्रोजेक्ट (tapovan project) की सुरंग (tunnel) में फंसे इन सभी शवों की उम्र 30 से 35 साल के बीच में है।

आपको बता दें कि आठ फरवरी से दिन-रात चल रहे खोजबीन अभियान (search operation) में टीम को रविवार सुबह 5:00 बजे पहली कामयाबी मिली।

Tapovan project सुरंग में राहत और बचाव कार्य में जुटे कर्मी।
Tapovan project सुरंग में राहत और बचाव कार्य में जुटे कर्मी।

जेसीबी चालक (JCB Driver) खुशहाल चौधरी के साथ ट्रक चालक विजेंद्र कुमार सुरंग के अंदर 125 मीटर की दूरी पर मलबा उठा रहे थे।

इस दौरान छत की तरफ कपड़े चिपके नजर आए। जेसीबी (JCB) से मलबा हटाने पर इसकी सूचना एनडीआरएफ (NDRF) को दी गई।

इसकी पहचान कालसी के रहने वाले अनिल कुमार के रूप में हुई। शव फूलने की वजह से उसका चेहरा पहचानना मुश्किल हो रहा था।

अंदाजा लगाया जा रहा है कि सभी लोग बाहर की तरफ दौड़े होंगे, लेकिन उन्हे यहां से बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।

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बाढ़ के दबाव से वे मलबे में चिपककर रह गए होंगे। उधर, अपनों इंतजार में सुरंग के बाहर  और आस पास भटक रहे लोगों को जब टनल से शव निकलने की सूचना प्राप्त हुई तो वे सारे शवों को एक एक करके देखने के लिए पहुंचने लगे।

उन्हें यह अंदेशा था कि शायद उनके प्रिय/परिजन का शव तो नहीं मिल गया। इससे चारों ओर शोक का माहौल छाया रहा।

उधर, क्षेत्र के कुछ लोगों ने अपने अपनों के बचने की संभावना खत्म हो जाने पर पुतले जलाकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया।

आपको बता दें कि इसके साथ ही ऋषिगंगा में बनी नई झील को लेकर भी वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान (wadia institute of Himalayan geology) के वैज्ञानिकों (scientists) ने अपनी रिपोर्ट (report) सौंप दी है।

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